सोनिया के नेतृत्व में विपक्षी एकता का दुर्लभ संयोग
सोनिया के नेतृत्व में विपक्षी एकता का दुर्लभ संयोग

इसमें कोई दो राय नहीं कि सदन में अनुशासन को लेकर बहुत सख्त हैं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, इसकी एक बानगी बीते रोज बुधवार को देखने को मिली, जब ओम बिरला ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को सहयोगियों से बातचीत करने पर न सिर्फ टोका बल्कि कड़क अंदाज में चेतावनी भी दी, दरअसल, सोनिया गांधी बुधवार को देर से आईं थीं सदन में, आते ही पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और गौरव गोगोई से कुछ बात करने लगीं सोनिया गांधी, जो भारत-चीन मुद्दे पर चर्चा में लेना चाह रहे थे भाग, तभी ओम बिरला की नजर पड़ी सोनिया गांधी पर और बिरला ने गांधी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मीटिंग करने का अधिकार है आपका लेकिन यहां नहीं, सदन के बाहर, यहां मीटिंग न करें,’ लेकिन इस वाकये के थोड़ी ही देर बाद ही कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सदन से कर दिया वॉकआउट, यह विपक्षी दलों की एकता का था दुर्लभ नमूना था, जब 18 विपक्षी दलों ने एकसाथ किया सदन का बहिष्कार, बीती 9 दिसंबर को हुई भारत-चीन सीमा झड़प पर चर्चा करने की अपनी मांग को पूरा नहीं करने पर बुधवार को सोनिया गांधी ने 18 दलों का नेतृत्व करते हुए सदन से कर दिया वॉकआउट, कांग्रेस के साथ राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, MDMK, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), CPI, जनता दल-यूनाइटेड, DMK, तृणमूल कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी ने भी शून्यकाल के दौरान सदन से किया वॉकआउट

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