Prashant Kishore on Nitish Kumar & BJP. देश के अलग अलग राज्यों में विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए चुनावी मैनजमेंट का काम देख चुके राजनीतिक सलाहाकर प्रशांत किशोर इन दिनों अपने गृह राज्य बिहार में अपनी खुद की राजनीतिक पृष्ठभूमि तैयार करने में जुटे हैं. ऐसे में शायद ही कोई मौका हो जब वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या जदयू और बीजेपी पर हमलावर न रहते हों. इस बीच जहां हाल ही में बिहार के छपरा में जहरीली शराब से हुई 40 मौतों के बाद प्रदेश की सियासत लगातार उबाल पर है. तो ऐसे में प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नितीश पर इस मौके पर हमला बोलने से कैसे चूक सकते थे. अपनी जनसुराज यात्रा के 74 वें दिन प्रशान्त किशोर ढाका प्रखंड के करमावा गांव में हैं, जहां उन्होंने छपरा में जहरीली शराब पीने से हुई मौत पर न केवल दुख जाताया, बल्कि घटना के लिए सीएम नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द रहने वाले लोग खुद शराब पीते हैं और फिर नीतीश कुमार के सामने लम्बी-लम्बी बाते करते हैं. जो भी नीतीश कुमार को जानते हैं वो सब इस बात से परिचित हैं कि उनके इर्द-गिर्द जो अफसर रहते हैं, वो सब शराब पीते हैं.
पीके ने शासन-प्रशासन पर हमला जारी रखते हुए कहा कि बड़ी हास्यास्पद बात है किसी राज्य का मुख्यमंत्री किसी जिले के डीएम-एसपी को बुलाकर कहता है कि आप कसम खाइये कि आप शराब का कारोबार करने वाले लोगों को पकड़ कर कार्यवाही करेंगे. प्रशांत किशोर ने मांग करते हुए कहा कि अगले 48 घन्टे के अन्दर नीतीश सरकार शराबबंदी कानून वापस लें, क्योंकि नीतीश सरकार की शराबबन्दी योजना पूरी तरह से विफल साबित हो रही है. प्रशांत ने कहा कि पहले शराब की दुकान को गांव-गांव में खोल कर लोगों को शराब पीने पर विवश कर दिया और आज लाठी डंडे के सहारे लोगों से शराब छोड़ने को कह रहे हैं.
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यही नहीं प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि यह राजतंत्र हो गया है. पीके ने भाजपा, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव तीनों पर निशाना साधा और सबको शराबबंदी की विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया. प्रशान्त किशोर ने कहा कि शराबबंदी पर सबसे पहली मुखर आवाज हमने ही उठाई है. भाजपा के लोग जो आज विधानसभा में हंगामा कर रहे हैं इन्हीं लोगों ने जेडीयू के साथ पांच वर्ष साथ रहकर शराबबंदी का समर्थन किया. भाजपा को घेरते हुए प्रशांत किशोर ने कहा अब कोई भाजपा से सवाल नहीं कर रहा कि जब आप सरकार में थे आपने शराबबंदी के लिए हटाने के लिए क्या काम किया. इसके साथ ही प्रशांत ने कहा बिहार में जितने भी दल हैं उन्हें शराबबंदी को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए.
इसके साथ ही लालू यादव के सियासी वारिस और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आड़े हाथ लेते हुए प्रशान्त किशोर ने कहा जब आरजेडी और तेजस्वी यादव विपक्ष में थे तब शराबबंदी पर नीतीश सरकार को घेर रहे थे. अब ये खुद सरकार चला रहे हैं तो इन्हें शराबबंदी सही लग रहा है.