Himachal Congress MLA Vikramaditya Singh हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और वर्तमान कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह पर उनकी पत्नी सुदर्शना सिंह ने घरेलू हिंसा के आरोप लगाए हैं. विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह, बहन के अलावा अन्य परिजनों पर भी पत्नी ने प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं. इस मामले को लेकर राजस्थान के उदयपुर कोर्ट में बुधवार को विक्रमादित्य को कोर्ट में पेश होना था. लेकिन राजस्थान में न्यायिक कर्मचारी हड़ताल के कारण इस मामले की अगली पेशी दी है. विक्रमादित्य को अब 13 जनवरी को दहेज प्रताड़ना और 20 जनवरी को जीवन यापन के मामले में कोर्ट में पेश होना पड़ेगा.
विक्रमादित्य की पत्नी सुदर्शना के वकील ने बताया कि राजसमंद के आमेट राजघराने की बेटी की शादी 8 मार्च 2019 को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य के साथ हुई थी. काफी समय साथ रहने के बाद दोनों के बीच संबंध बिगड़ गए. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मृत्यु के बाद सुदर्शना सिंह को उदयपुर भेज दिया गया. इस दौरान उनको दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया. सुदर्शना चूंडावत ने घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम की धारा 20 के तहत उदयपुर कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी. सुदर्शना ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि विवाह के बाद वो अपने ससुराल शिमला आई और कुछ ही समय बाद उसके साथ मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना की जाने लगी.
सुदर्शना ने अपनी शिकायत में कहा कि उसका विवाह विधायक विक्रमादित्य सिंह के साथ 8 मार्च 2019 को हुआ था. ये विवाह हिंदू रीति रिवाज से राजस्थान के कणोता गांव में हुई थी. शादी के बाद वो ससुराल में आ गई. यहां उसके साथ प्रताड़ना शुरू हो गई. शिकायत के अनुसार विधायक के परिवार ने उसके परिजनों यानी सुदर्शना के रिश्तेदारों को शिमला बुलाकर उसे जबरन उदयपुर भेजने का आरोप है. सुदर्शना ने अपनी शिकायत में अदालत से आग्रह किया है कि उसके ससुराल वालों को शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना न करने के लिए कहा जाए. साथ ही उसे अलग से रहने के लिए मकान की व्यवस्था करने के आदेश भी पारित किए जाएं.
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वहीं हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और अपनी मां प्रतिभा सिंह के साथ दिल्ली पहुंचे विक्रमादित्य सिंह पूरे मामलो पर जवाब दिया. विक्रमादित्य सिंह कहा कि यह मेरा फैमिली मैटर है. उदयपुर के कोर्ट में चल रहा है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं इस पर टीका-टिप्पणी नहीं करूंगा, जो भी रिप्लाई देना होगा, मैं कोर्ट में जवाब दूंगा.गैरजमानती वारंट पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इसमें जो वारंट की बात है, मैंने अपने वकील से बात की है. यह एक सिविल मैटर है. सिविल मैटर में नॉन बेलेबल वारंट की बात होती ही नहीं है. कोर्ट ने भी यह बात मानी है और ऐसा कुछ भी नहीं है. साथ ही बोले कि यह कोई राजनीतिक मसला नहीं है. सब लोगों के परिवार में कभी ना कभी कोई बात आ जाती है. मेरा जीवन खुली किताब है. लोग मेरे काम करने के तरीके और जीवन शैली को जानते हैं.
आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में मौजूद समय में कैबिनेट गठन को लेकर खींचतान चल रही है और विक्रमादित्य कैबिनेट मंत्री बनने की रेस में हैं. ऐसे में उन्होंने कहा कि इस समय यह खबर आना और इसे पेश करना, इसके पीछे बहुत सारी ताकतें हो सकती हैं. यह परिवार का मामला है. साथ ही विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी दिल्ली आ रहे हैं. तमाम लोग आलाकमान से मिलेंगे. भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल होना है. 15 दिसंबर को डिनर भी होगा, जिसमें तमाम लोग मौजूद रहेंगे. मंत्रीमंडल में किस को क्या पद मिलता है, आलाकमान तय करेगा.
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गौरतलब है कि विक्रमादित्य सिंह का राजनीतिक सफर 2013 में शुरू हुआ. 2013 में वे हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी से जुड़े और उन्हें युवा कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया. 2017 तक विक्रमादित्य इस पद पर रहे. विक्रमादित्य के पिता वीरभद्र सिंह 6 बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. 2021 में उनका निधन हो गया. विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष हैं. इस साल मंडी लोकसभा उपचुनाव में वीरभद्र की पत्नी और रानी प्रतिभा सिंह ने बीजेपी को हराया था. वहीं, विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की जीत के बाद प्रतिभा सिंह भी सीएम की रेस में शामिल थीं.