पॉलिटॉक्स ब्यूरो. देश के सबसे बड़े रणनीतिकार प्रशांत किशोर जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) से बाहर हो चुके हैं. सियासी गलियारों में सभी की आंखें उनके अगले कदम पर टिकी हैं कि आखिर अब वो कौन सी पार्टी होगी जिसका हाथ पीके पकड़ेंगे या फिर पहले की तरह स्वतंत्र रूप से सभी के लिए काम करते रहेंगे. इससे पहले राजद नेता और लालू यादव के बड़े सुपुत्र तेज प्रताप ने उन्हें पार्टी में आने का खुला निमंत्रण दिया है. वो पार्टी में शामिल होंगे या नहीं, वो दूर की बात है लेकिन तेज प्रताप के बयान के बाद ही पार्टी में पीके को लेकर दो धड़े बन गए हैं. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रशांत किशोर की तुलना नाली में रहने वाले कीड़े से कर दी. हालांकि तेजस्वी यादव ने जगदानन्द को फटकार लगा दी है. वहीं पीके के आम आदमी पार्टी या बंगाल की टीएमसी पार्टी में जाने के संकेत मिल रहे हैं लेकिन पीके ने खुद कहा कि 11 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद पटना में अपने भविष्य की आगामी योजना की घोषणा करेंगे.
गौरतलब है कि बिहार के सीएम और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने बुधवार को अनुशासनहीनता के चलते उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया. वहीं पीके ने भी ट्वीट करते हुए उन्हें धन्यवाद देते हुए उन्हें भविष्य के लिए शुभकानाएं देते हुए सीधे सीधे नीतीश पर तंज कस दिया. जदयू से निकाले जाने से पहले तक वे नीतीश कुमार के करीबी और पार्टी उपाध्यक्ष रहे. लेकिन नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर लगातार बयानबाजी के चलते पार्टी के अधिकांश नेता उनसे नाराज हैं.
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बड़े भाई और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने गुरुवार को कहा कि प्रशांत के साथ नीतीश ने अच्छा नहीं किया. प्रशांत अगर राजद में आना चाहते हैं तो आ सकते हैं. हम पार्टी में उनका स्वागत करेंगे. उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने प्रशांत को लताड़ा और इस्तेमाल करके छोड़ दिया. नीतीश कुमार की यही राजनीति रही है कि लोगों से काम लो और फिर उसे लात मार दो.
हालांकि, तेज प्रताप के बयान के बाद से ही पार्टी के अंदर ही प्रशांत किशोर का विरोध शुरू हो गया है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रशांत किशोर की तुलना नाली में रहने वाले कीड़े से करते हुए कहा कि वे गंदे जमात के लोग हैं और ऐसे ही किसी गंदे नाले में पड़े रहेंगे. राजद नेता ने कहा कि आप गंदे नाले से पानी निकालोगे तो क्या उसका इस्तेमाल पीने या खाना बनाने में करोगे? वे गंदे लोग हैं. गंदगी में पड़े लोग कहां जा रहे हैं, कहां नहीं जा रहे हैं, इससे कोई मतलब नहीं है. उनकी नियति है समाप्त हो जाना. अब आगे कहीं उनकी प्रतिष्ठा नहीं हो सकती.
बाद में तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह को एक तरह से लताड़ लगाई. तेजप्रताप ने कहा कि उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए और सोच-समझकर बोलना चाहिए. उनका बयान पार्टी के हित में नहीं है. जगदानंद सिंह को मैं अपना अभिभावक मानता हूं. तेज प्रताप ने सवालिया अंदाज में कहा कि क्या लालू यादव की यही विचारधारा है? उन्हें इस तरीके के बयान से परहेज करना चाहिए.
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बता दें, प्रशांत किशोर की कंपनी आई-पैक फिलहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के लिए काम कर रही है. प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए पीके को हायर किया है. लोकसभा चुनाव-2014 में मोदी लहर को देशभर में बहाने और आम चुनाव में जीत हासिल करने में पीके का बहुत बड़ा हाथ रहा है. योगी सरकार, पंजाब सरकार और पिछले साल आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी सरकार बनाने में भी प्रशांत किशोर की खासी भूमिका रही है.