भ्रष्ट अधिकारियों के पोस्टर शहर के चौराहे व सचिवालय में लगाए जाएं- भरत सिंह की CM गहलोत को सलाह

भ्रष्टाचार के मामले में एसीबी के द्वारा गिरफ्तार किए गए भ्रष्ट अधिकारियों को गिरफ्तार होते ही सेवा से कर देना चाहिये बर्खास्त, सरकार पकड़े गये अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति जारी करने के बजाए उनको माफ कर देती है- भरत सिंह

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Politalks.News/Rajasthan. ‘राजस्थान में भ्रष्टाचार की पतंग बहुत ऊंची उड़ रही है, इसे ना तो देसी और ना ही चाइनीज मांझा काट सकता है’- यह हम नहीं कह रहे बल्कि अपने बेबाक बयानों के लिये चर्चित रहने वाले पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने एक बार फिर यह बयान देकर अपनी ही पार्टी की गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. भरत सिंह ने मकर सक्रांति पर सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर सलाह दी है कि वह रिश्वत लेते हुये पकड़े गये भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त करे और गृहक्षेत्र में उनके पोस्टर चस्पा करवाये.

सांगोद विधायक भरत सिंह का यह पत्र सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. सिंह ने सीएम को लिखे पत्र में कहा कि कोरोना से बचाव के लिए देश में वैक्सीन मौजूद है, लेकिन भ्रष्टाचार का कोई भी वैक्सीन नहीं है. अगर भ्रष्टाचार की कोई वैक्सीन बन सकती है तो वह है भ्रष्टाचार के मामले में एसीबी के द्वारा गिरफ्तार किए गए भ्रष्ट अधिकारियों को गिरफ्तार होते ही सेवा से बर्खास्त कर देना चाहिये. भरत सिंह ने सरकार से यह भी मांग की है कि भ्रष्ट अधिकारियों के पोस्टर शासन सचिवालय समेत उनके गांव, कस्बे व नगर में चौक-चौराहे पर लगाये जाएं. अगर सरकार ऐसा फैसला करे तो जनता में एक अच्छा संदेश जाएगा. इससे राजस्थान सरकार का जो जीरो करप्शन का संकल्प है वह भी पूरा होगा.

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यहीं नहीं विधायक भरत सिंह ने अपनी ही सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि कोटा में एसपी रहते हुए आईपीएस सत्यवीर सिंह एसीबी के हत्थे चढ़े थे, उन्हें रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में अभी भी ट्रायल कोर्ट में चल रही है. सिंह ने लिखा है कि बीजेपी शासन में सिंह को एसपी से डीआईजी बनाया गया, लेकिन कांग्रेस के शासन में तो उनको आईजी बना दिया गया. उसके बाद उदयपुर संभाग की जिम्मेदारी सौंप दी गई है, यह शर्मनाक घटना है.

पूर्व मंत्री भरत सिंह ने अपने पत्र में आगे लिखा कि निलंबित आईएएस अधिकारी बारां के पूर्व कलेक्टर इंद्र सिंह राव भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद है. भ्रष्ट अधिकारी में कोई शर्म नहीं है और न ही कोई डर है. विधायक सिंह ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि सरकार पकड़े गये अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति जारी नहीं करती है. भ्रष्टाचारियों को सरकार माफ कर देती है. भरत सिंह ने इस पत्र में ताजा मामले दौसा उपखंड अधिकारी पुष्कर मित्तल और बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा को रिश्वत लेते गिरफ्तार करने के मामले का भी जिक्र किया है.

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