जयपुर में जनाजे में उमड़ी 15 हजार की भीड़ पर गरमाई सियासत, बीजेपी के दिग्गजों ने घेरा गहलोत सरकार को

ताज्जुब की बात यह रही कि इस भीड़ में आम लोग ही नहीं जयपुर के आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान समेत कई नामी राजनीतिक शख्सियतें भी हुई शामिल और पुलिस जुटी इंतजामों में, हड़कम्प मचा तो पुलिस की ओर से अब विधायक खान समेत 11 लोगों के खिलाफ महामारी एक्ट में दर्ज किया गया मामला,

जयपुर में जनाजे में उमड़ी 15 हजार की भीड़ पर गरमाई सियासत
जयपुर में जनाजे में उमड़ी 15 हजार की भीड़ पर गरमाई सियासत

Politalks.News/Rajasthan. अभी कोरोना की दूसरी लहर के खतरनाक प्रकोप से प्रदेश पूरी तरह मुक्त भी नहीं हुआ और दूसरी तरफ सरकार की नाक के नीचे सरकार के मंत्री और प्रशासन की मौजूदगी में लॉकडाउन के दौरान सोमवार को कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं. जयपुर के जिन जाने-माने समाजसेवी हाजी रफत अहमद की अपील पर कोरोना से बचाने के लिए ईद का जूलूस टाला गया था, जयपुर में उन्हीं हाजी रफत अहमद के इंतकाल के बाद उनके जनाजे में हजारों लोग की भीड़ उमड़ पड़ी. जनाजे में करीब 15 हजार से अधिक लोगों की भीड़ जुट गई.

सबसे बड़ी ताज्जुब की बात यह रही कि इस भीड़ में आम लोग ही नहीं जयपुर के आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान समेत कई नामी राजनीतिक शख्सियतें भी शामिल हुईं. उसके भी ऊपर पुलिस प्रशासन भी इस भीड़ को रोकने के बजाय जनाजे के दौरान सुरक्षा इंतजामों में जुटी रहे. हाजी रफत का जनाजा पुलिस सुरक्षा में जयपुर के रामगंज बाजार से निकाला गया. जनाजे के वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया. बता दें, इस घटना पर पुलिस की ओर से अब विधायक रफीक खान समेत 11 लोगों के खिलाफ महामारी एक्ट में मामला दर्ज किया गया है.

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रामगंज क्षेत्र से निकले हाजी रफत अहमद के जनाजे में उमड़ी भीड़ को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. मामले को लेकर बीजेपी क्व दिग्गज नेताओं ने गहलोत सरकार जमकर निशाना साधते हुए इसे सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

इस मामले पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि कोरोना एडवाइजरी की धज्जियां गहलोत सरकार और उनके नुमाइंदों ने उड़ाई है. रामगंज में जो दृशय दिखा है. यह पहला मसला नहीं था. सरकार में एक मंत्री के पिताजी के जनाजे में इस तरीके से लोग इकट्ठा हुए थे. ऐसी अनेकों घटनाएं कांग्रेस के लोगों के उपस्थिति में हुई है. कांग्रेस जिम्मेदार लोग शादियों में बिना मास्क के शिरकत करते थे, जिसकी वजह से संक्रमण बड़ी तादाद में फैला और इसे सरकार रोक नहीं पाई. लॉक डाउन के लंबे-लंबे नाम रखे गए, लेकिन अनुपालना सख्ती से नहीं हुई. पूनियां ने कहा कि जिस सरकार का इकबाल खत्म होता है और मुखिया निरपेक्ष नहीं होता है. इस तरीके की घटना होती रहती हैं. सतीश पूनियां ने कहा कि कल की घटना तुष्टिकरण की घटना है. पूनियां ने कहा कि बसेड़ी में विधायक ने सुंदरकांड का पाठ किया तो उन्हें गिरफ्तार किया गया, जबकि मंत्री के यहां मामला दर्ज करके लीपापोती की गई. ऐसे में सरकार में इमान होता तो यह घटना नहीं होती.

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फिर ईद का जुलूस क्यों रोका गया ?- कटारिया
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि रामगंज में अतिम यात्रा में जन प्रतिनिधियों की मैजूदगी में जिस प्रकार से सरकार की नाक के नीचे राजधानी में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी, हम सरकार से जानना चाहते हैं फिर ईद का जुलूस क्यों रोक गया ? हमारे मुनि की मृत्यु हई थी और गांव में उनके अंतिम दर्शनों के लिए लोग आए तो उन्हें भगाने के लिए आपने दुनियाभर पुलिस लगा दी. धर्म तो सभी के रूप में समान हीं होते हैं. एक धर्म विशेष के लोगों को इस प्रकार की छूट देने की सरकार की मानसिकता क्या बताती है. क्या दूसरें लोगों की धर्म गुरुओं के प्रति आस्था कम है, इसलिए नहीं आते. सीएम खुद देखें कि उनके जन प्रतिनिधि इस प्रकार के कार्यक्रम में उपस्थित रहते हैं. सीएम ने जो कोरोना की गाइडलाइन बनाई उसकी धज्जियां उड़ी है.

तुष्टिकरण की राजनीति करती है कांग्रेस- राज्यवर्धन
जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह ने कहा कि मरने वालों के प्रति हम संवेदना प्रकट करते हैं. लेकिन जनाजे में जो भीड़ उमड़ी यह तुष्टिकरण की राजनीति है. अलग-अलग समुदाय के लिए अलग-अलग कानून है. ये कांग्रेस की राजनीत रही है. जहां-जहां कांगेस की सरकार रही है, वहां-वहां ये लोगतुष्टिकरण की राजनीति करते हैं. राज्यवर्धन ने आगे कहा कि कल हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़ इसका खुला सबूत है. कोविड खत्म नहीं हुआ है और ना ही कोविड समुदाय या धर्म देखता है. कानून सभी के लिए समान होना चाहिए. तुष्टिकरण की हम खिलाफत करते हैं.

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