पॉलिटॉक्स ब्यूरो. NRC और CAA को लेकर बीते लगभग 15 दिनों से देशभर में मचे बवाल ने कांग्रेस को बैठे-बिठाए बीजेपी को घेरने का मौका दे दिया. नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद से देश के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है. अकेले यूपी में अब तक 15 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इस बीच मंगलवार को बीजेपी को घेरने का एक और मौका कांग्रेस को मिल गया, जिसके बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है.
दरअसल, नागरिकता कानून पर देशभर में मचे बवाल के बीच मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने मेरठ जाने से रोक दिया. मंगलवार सुबह राहुल और प्रियंका गांधी दोनों उत्तर प्रदेश के मेरठ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा में मारे गए पीड़ितों के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के लिए रवाना हुए. लेकिन यूपी पुलिस द्वारा उन्हें मेरठ जिले कि सीमा में घुसने से पहले परतापुर थाने पर ही रोक दिया गया.
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जब पुलिस ने उनको रोका तो राहुल गांधी ने पुलिस से पूछा कि क्या आपके पास कोई ऑर्डर है? इस पर यूपी पुलिस ने उन्हें जिले में धारा 144 लागू होने की बात कहते हुए किसी भी राजनीतिक गतिविधि ना करने का हवाला दिया. इसके बाद दोनों वापस दिल्ली लौट गए. बता दें कि जब यूपी पुलिस ने राहुल और प्रियंका को मेरठ के अंदर नहीं जाने दिया तो दोनों नेताओं ने गाड़ी में बैठे हुए ही मृतकों के परिजनों से बात की. कांग्रेस नेता इमरान मसूद इस दौरान मेरठ में ही मृतकों के घर पर मौजूद थे, जहां उन्होंने फोन पर परिजनों की बात राहुल-प्रियंका से करवाई.
मंगलवार दोपहर में हुए इस घटनाक्रम के बाद राजनीति गरमा गई और बीजेपी को घेरते हुए कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी शुरू हो गई. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह बिल्कुल अलोकतांत्रिक और दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं राहुल जी और प्रियंका जी को यूपी पुलिस ने सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए पीड़ितों के परिवारों से मिलने जाने से रोक दिया. सरकार विपक्ष को पीड़ितों के साथ एकजुटता से खड़े नहीं होने दे रही है.
It is absolutely undemocratic and unfortunate that senior Congress leaders, Rahul ji and Priyanka ji were stopped by UP police from meeting families of victims killed during anti CAA protests. Govt is not letting the opposition to stand in solidarity with the victims.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 24, 2019
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सीएए प्रदर्शन के पीडितों के परिवारों से मिलने के लिए मेरठ जा रहे थे. यूपी पुलिस द्वारा उन्हें रोका गया. यूपी सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा करता हूं.
Strongly condemn the UP govt's decision to stop @RahulGandhi & @priyankagandhi from travelling into Meerut to meet the families of the victims of the #CAAProtests. What India needs at this moment is a healing touch and not such curbs against opposition parties.#NRC_CAA_Protests pic.twitter.com/50BbCTIIh3
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) December 24, 2019
छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी को मेरठ जाकर सीएए विरोध के दौरान मृतकों के परिजनों से न मिलने देना और उन्हें रास्ते में रोकना अलोकतांत्रिक है. केंद्र सरकार और योगी जी जितनी चाहें उतनी तानाशाही कर लें, इसका अंत सुनिश्चित है. लोकतंत्र अवश्य जीतेगा.
माननीय राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी को मेरठ जाकर CAA विरोध के दौरान मृतकों के परिजनों से न मिलने देना और उन्हें रास्ते में रोकना अलोकतांत्रिक है।
केंद्र सरकार और योगी जी जितनी चाहे जितनी तानाशाही कर लें, इसका अंत सुनिश्चित है।
लोकतंत्र अवश्य जीतेगा।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 24, 2019
वहीं राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ट्वीट करते हुए कहा कि मेरठ में सीएए एवं एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे राहुल गांधी जी एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जी को यूपी पुलिस द्वारा रोक दिया गया. मैं यूपी सरकार के इस अलोकतांत्रिक फैसले की कड़ी निंदा करता हूँ.
मेरठ में CAA एवं NRC के विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे श्री @RahulGandhi जी एवं कांग्रेस महासचिव श्रीमती @priyankagandhi जी को यूपी पुलिस द्वारा रोक दिया गया, मैं यूपी सरकार के इस अलोकतांत्रिक फैसले की कड़ी निंदा करता हूँ|
— Sachin Pilot (@SachinPilot) December 24, 2019
गौरतलब है कि बता दें कि बीते शुक्रवार को नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ मेरठ में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान काफी हिंसा हुई थी और पत्थरबाजी के साथ गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की गई थी. इसी हिंसा में मेरठ में चार लोगों की मौत हो गई थी. इन्हीं मृतकों के परिजनों से मुलाकात करने के लिए मंगलवार राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मेरठ जा रहे थे.