पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों राजसमंद से बीजेपी सांसद दीया कुमारी व गहलोत सरकार में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बीच बढती सियासी नजदीकियां खासी सुर्खियों में बनी हुई है. चाहे मौका मकर सक्रांति पर पतंगबाजी का हो या फिर चाहे रविवार को आयोजित हुआ सवाई माधोपुर स्थापना दिवस के सरकारी कार्यक्रम का. दोनों विपरीत विचारधारा वाली पार्टियों के नेताओं का एक साथ एक गाड़ी में स्थापना दिवस कार्यक्रम में पहुंचने से राजनीतिक चर्चाएं जोरों पर है. वहीं इससे आहत सवाईमाधोपुर विधायक दानिश अबरार ने बनाई अपनी ही सरकार के कार्यक्रम से दूरी.
दरअसल, बीजेपी सांसद दीया कुमारी व प्रदेश की कांग्रेस सरकार में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह रविवार को सवाईमाधोपुर स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में एक ही गाडी से सवाईमाधोपुर पहुंचे थे. बता दें, दीया कुमारी पिछली वसुंधरा सरकार में सवाईमाधोपुर से बीजेपी विधायक भी रही हैं. सवाईमाधोपुर पहुंचने पर क्षेत्र से पूर्व में विधायक रही दीया कुमारी का भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान दीया कुमारी व विश्वेंद्र सिंह को एक साथ एक गाडी से उतरता देख दोनों के समर्थकों ने राजा-रानी जिंदाबाद के नारे भी यहां लगाये.
वहीं अपनी ही सरकार की ओर से आयोजित सवाई माधोपुर स्थापना दिवस कार्यक्रम में कांग्रेस के स्थानीय विधायक दानिश अबरार का कार्यक्रम में शामिल नहीं होना भी कौतूहल का विषय बना रहा. इस बारे में विधायक दानिश अबरार का साफ कहना है कि, “जिस तरह के राजनीतिक हालात अभी देश में चल रहे हैं और बीजेपी सरकार कांग्रेस के बड़े नेताओं को बिना कारण जेल में डाल रही है, हमारे नेताओं को बीजेपी द्वारा परेशान किया जा रहा है, ऐसे में मेरा मानना है कि हमे किसी भी सरकारी या पार्टी के कार्यक्रम में बीजेपी के किसी भी नेता के साथ मंच साझा करना चाहिए, इसलिए मैनें कार्यक्रम में जाना उचित नहीं समझा.”
सवाईमाधोपुर स्थापना दिवस के इस कार्यक्रम में संबोधन के दौरान मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सांसद दीया कुमारी की जमकर प्रशंसा की. विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि कोई व्यक्ति एक स्थान को छोड़कर दूसरे क्षेत्र में जाकर सांसद बने और अपने पूर्व क्षेत्र में आने पर भी इतना प्यार और सम्मान उसे वहां की जनता से मिले यह बहुत बडी बात होती है. विश्वेंद्र सिंह ने आगे कहा कि दीया कुमारी को इस कार्यक्रम में इसलिए बुलाया कि सवाईमाधो सिंह उनके पुरखा थे, उनसे हमारे पारिवारिक संबंध हैं. दीया कुमारी और हमारी पार्टी अलग हो सकती है, लेकिन यह कोई राजनीतिक आयोजन नहीं है यह राजस्थान सरकार का आयोजन है. दीया कुमारी सांसद भी है और उनके पुरखों ने इस शहर को बसाया था इसलिए इस सरकारी कार्यक्रम में दीया कुमारी को बुलाया है.
ऐसा पहली बार नहीं था जब दोनों राजनीतिक दिग्गज किसी एक कार्यक्रम में साथ रहें हो. इससे पहले 14 जनवरी मकर संक्राति के मौके पर भी दोनों एक साथ पहले सिटी पैलेस ओर फिर जल महल पर आयोजित अंतराष्ट्रीय पतंग उत्सव के दौरान एक साथ पतंग उडाते दिखाई दिए थे. राजसी परिवार से ताल्लुक रखने वाले इन दोनों जन प्रतिनिधियों की बढती नजदीकियां इन दिनों प्रदेश की राजनीति में जबरदस्त चर्चा का विषय है.