ऑपरेशन सिंदूर को लेकर शायद कांग्रेस के नेता एकमत नहीं हैं. एक तरफ राहुल गांधी हैं जो ऑपरेशन सिंदूर को लेकर केंद्र सरकार के साथ खड़े हैं लेकिन कुछ सवाल हैं जिनके जवाब उन्हें चाहिए. दूसरी तरफ वे हैं जिन्हें केवल और केवल केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना ही करनी है. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने केंद्र की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए विवादित बयान देते हुए कह दिया कि कोई देश पाकिस्तान को आतंकी देश नहीं कह रहा. साथ ही उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस की ओर से ऑपरेशन सिंदूर को लेकर 4 सवालों को दोहराया है.
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भारत की छवि को नुकसान पहुंचा
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार की फेल डिप्लोमैसी और कमजोर विदेश नीति की वजह से भारत की छवि को नुकसान हुआ है. कोई देश पाकिस्तान को आतंकी देश नहीं कह रहा. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी किसी ने भी आपके समर्थन में बयान नहीं दिया. यहां तक कि रूस ने भी पाकिस्तान के साथ पुरानी स्टील मिल दोबारा शुरू करने के लिए MoU साइन किया, जिससे पा को 2.6 अरब डॉलर (21,660 करोड़ रुपए) मिलेंगे. ऑपरेशन सिंदूर के बाद कुवैत ने पाकिस्तान पर लगी वीजा प्रतिबंध को हटा दिया. ईरान, यूएई और अरब देश पाक से समझौता कर रहे हैं.
कांग्रेस के मोदी सरकार से 4 सवाल
- पुंछ, गांदरबल, गुलमर्ग और पहलगाम के आतंकियों का क्या हुआ?
- पाकिस्तान से सीजफायर किन शर्तों पर हुआ?
- हाफिज सईद और मसूद अजहर बचकर कैसे निकल गए?
- क्या सीजफायर की शर्तों में इन आतंकियों को वापस लाना शामिल था?
पीएम ने दिया करारा जवाब
कांग्रेस के हर सवाल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ही लाइन में करारा जवाब दिया. गुजरात की एक रैली में पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का कोई सबूत न मांगे, इसलिए कैमरे पर रिकॉर्ड किया. जिन आतंकियों को मारा गया, उन्हें पाकिस्तान में सैन्य सम्मान दिए गए, जो दिखाता है कि पाकिस्तान सीधे इसमें शामिल था.
क्या है ऑपरेशन सिंदूर
इसी साल 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था. आतंकियों ने 26 भारतीय पर्यटकों की हत्या कर दी थी. 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाक में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी. सेना ने 100 आतंकियों को मार गिराया था. दोनों देशों के बीच 10 मई की शाम 5 बजे से सीजफायर पर सहमति बनी थी. हालांकि इस ऑपरेशन में पहलगाम का मुख्य आतंकी पकड़ से बाहर रहा था, जिसको लेकर विपक्ष इस ऑपरेशन की सफलता पर सवाल उठा रहा है. अब देखना होगा कि केंद्र की मोदी सरकार कांग्रेस के इन सवालों का जवाब देती है या फिर राजनीति की चौसर पर ये बाजी अनवरत जारी रहने वाली है.