‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को मोदी सरकार घर-घर तक पहुंचाने की तैयारी कर रही है. इसी के तहत महिलाओं को तोहफे के रूप में सिंदूर दिया जाएगा. 9 जून से बीजेपी के कार्यकर्ता महिलाओं को घर-घर जाकर सिंदूर बांटेंगे. इसी दिन नरेंद्र मोदी ने बतौर देश के पीएम तीसरी बार शपथ ली थी. बीजेपी के इस अभियान पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेत्री एवं प्रवक्ता रागिनी नायक ने इसे एक पाखंड बताया और कहा कि अपनी राजनीतिक और कुटनीतिक विफलता को छिपाने के लिए बीजेपी सिंदूर को ढाल बनाने जा रही है. साथ ही साथ कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 6 सवालों के जवाब भी मांगे हैं.
कांग्रेस नेत्री रागिनी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिंदूर दिखाते हुए कहा कि मेरे हाथ और मांग में सिंदूर है. इसका भारतीय महिला के लिए क्या महत्व है ये मैं बीजेपी के नेता को बताना चाहती हूं. सुहाग का, प्रेम का, सात जन्मों के साथ का. सुहाग की रक्षा के लिए, सिंदूर भारतीय नारी की आन-बान और शान है. रागिनी ने कहा कि बीजेपी और संघ के लोगों को समझाना चाहती हूं क्योंकि मुझे लगता है इन लोगों को सिंदूर का महत्व समझ नहीं आता.
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उन्होंने सवाल दागते हुए कहा कि पराए आदमी के जरिए दिया गया ये सिंदूर किसके काम आएगा? किसके लिए काम आएगा? भारतीय नारी को तो सिंदूर पति और ससुराल से मिलता है. उसी मांग के सिंदूर का दुरुपयोग आत्ममुग्धता की पराकाष्ठा से लिप्त नरेंद्र मोदी अपनी ओछी राजनीति में इस्तेमाल करेंगे और इसकी घोषणा मोदी सरकार कर चुकी है. ये सिंदूर जो बाटेंगे, उस पर भी मोदी जी की तस्वीर छपी होगी. रागिनी ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो मोदी बाबू..’.
कांग्रेस नेता ने सवालों की फेहरिस्त जारी रखते हुए पूछा कि आखिर किस मुंह से बीजेपी और RSS के नेता घर-घर जाएंगे, किस मुंह से बांटेंगे. जब मारे गए लोगों की पत्नियां और परिवार ये पूछ रहे हैं कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकी कब मारे जाएंगे. कोविड-19 के दौरान जो लोग मरे हैं उनकी पत्नियों को भी बीजेपी वाले क्या सिंदूर देने जाएंगे. जिन 3 काले कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों की जान चली गई उनकी पत्नियों को भी बीजेपी वाले क्या सिंदूर देने जाएंगे. मजदूर जो मर रहे है उनका क्या? बेरोजगारी के कारण जो लोग रोजाना आत्महत्या कर रहे हैं उनकी पत्नियों को भी सिंदूर देने जाएंगे?
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कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा जब देश के हर जिले, हर नुक्कड़ पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बड़े-बड़े पोस्टर लगाकर और सेना की वर्दी में स्वांग रचकर नरेंद्र मोदी का मन नहीं भरा, तो अब बीजेपी ने घोषणा की है वे घर-घर जाकर सिंदूर बांटेगी. वहीं इनकी सियासत देखिए कि ये घर-घर जाकर उस दिन से सिंदूर बांटना शुरू करेंगे, जिस दिन नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. सिंदूर पर सियासत का इससे घटिया उदाहरण आपको देखने को नहीं मिल सकता. उन्होंने कहा कि ये बेहद शर्म की बात है कि अपनी राजनीतिक और कूटनीतिक विफलता को छिपाने के लिए मोदी सरकार मांग के सिंदूर को ढाल बनाना चाहती है. सेना के पराक्रम और बहादुरी का श्रेय बटोरने के लिए मोदी सरकार और कितना नीचे गिरेगी?
बीजेपी से पूछे 6 सवाल
- नोटबंदी के दौरान जिन 200 लोगों की अपना ही पैसा निकालते हुए जान चली गई, उनकी विधवाओं की सिंदूर की गवाही कौन देगा?
- कोविड के दौरान मरघटों में जो 24 घंटे लाशें जलती थीं, गंगा जी का घाट जिन लाशों से पट गया, उनकी उजड़ी मांग की गवाही कौन देगा?
- तीन काले कानून के खिलाफ जो 700 किसान शहीद हो गए, उनकी पत्नियां भी अपनी सूनी मांग लिए बैठी हैं, क्या आप उनके घर सिंदूर लेकर जाएंगे?
- हर दिन कई किसान और मजदूर खुदकुशी कर रहे हैं, उनकी पत्नियों के बारे में तो आप बात तक नहीं करते.
- आर्थिक तंगी और बेरोजगारी से परेशान होकर देश में हर साल 12,000 लोग आत्महत्या कर लेते हैं, उनकी पत्नियां भी विधवा होती हैं, क्या आप उनके घर जाएंगे?
- इस महंगाई में जो महिलाएं अपना मंगलसूत्र गिरवी रखकर दो वक्त की रोटी खा रही हैं, क्या आप उनके घर भी सिंदूर लेकर जाएंगे?
अब देखना ये होगा कि कांग्रेस नेत्री रागिनी नायक के कितने सवालों का जवाब बीजेपी दे पाती है.