Hanuman Beniwal on Gehlot Govt. 16 दिसंबर 2018 को राजस्थान में बनी कांग्रेस की गहलोत सरकार ने अपने चार साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. एक तरफ जहां कांग्रेस की सत्ता और संगठन इस मौके पर जश्न मना रहे हैं और अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान करते नजर आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने गहलोत सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर कांग्रेस सरकार पर जोरदार निशाना साधते हुए बड़ी प्रतिक्रिया दी है. सांसद बेनीवाल ने कहा की बीते चार सालों में गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर विफल नजर आई है. इस सरकार के चार साल के कार्यकाल में राजस्थान महिला अपराध में पहले नंबर पर आया और हत्या, डकैती,लूट सहित गंभीर अपराधों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है.
आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कभी भी अपराध रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए. यहां तक कि सीएम अपने गृह जिले जोधपुर में भी अपराधों को रोकने में नाकाम ही नजर आए. कांग्रेस में जगजाहिर सीएम गहलोत और सचिन पायलट की आपसी खींचतान पर बोलते हुए सांसद बेनीवाल ने कहा कि कुर्सी के लिए आपसी खींचतान करते करते कांग्रेसी नेताओ ने जनता के हितों को नजरंदाज किया.
जनहित के अन्य मुद्दों पर गहलोत सरकार को घेरते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा की किसान कर्ज माफी, सभी बेरोजगारों को समय पर भत्ता देने सहित उन तमाम वादों को मुख्यमंत्री गहलोत पूरा करने में नाकाम नजर आए जो चुनाव से पूर्व उनकी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में किए थे. यही नहीं सांसद बेनीवाल ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार एक भी प्रतियोगी परीक्षा को पारदर्शी रूप से नही करवा सकी और प्रत्येक परीक्षा का पेपर आउट हुआ. राजस्थान लोक सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सहित तमाम एजेंसियां जिन्होंने पेपर करवाए, उनमें बैठे कई जिम्मेदारों की संलिप्तता के कारण पेपर आउट हुए.
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सांसद हनुमान बेनीवाल ने दावा करते हुए आगे कहा कि सरकार यदि पेपर आउट होने के मामलो की सीबीआई जांच करवाती तो परीक्षाओं से संबंधित विभागों के मंत्री भी अभी जेल में होते. सांसद बेनीवाल ने कहा की इस सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारों के हितों के साथ जमकर कुठाराघात हुआ और पहली बार मुख्यमंत्री के करीबी एक दर्जन से अधिक मंत्रियों और विधायकों के नाम हत्या करवाने, बलात्कार सहित अन्य गंभीर अपराधों में संलिप्त नजर आए. वहीं खुद की कुर्सी के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री ने सत्ता पक्ष के सहयोगी विधायको को लूट करने की खुली छूट दे दी जिससे जनता त्रस्त हो गई.