अपनी ही सरकार के खिलाफ अब कांग्रेस नेत्री ने उठाई आवाज, कहा- प्रदेश में महिलाएं नहीं हैं सुरक्षित

प्रोफेशनल कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष रुक्षमणि कुमारी ने मुख्य सचिव निरंजन आर्य को एक ज्ञापन सौंपा और दुख व्यक्त किया कि महिलाओं पर अत्याचार नहीं रुक रहे हैं ऐसे में सरकार तुरंत अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करे

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष गहलोत सरकार पर हमलावर है. वहीं अब विपक्ष के साथ-साथ खुद कांग्रेस की एक नेत्री रुक्षमणि कुमारी ने भी प्रदेश में लगातार बढ़ रहे महिला अत्याचारों को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है. प्रोफेशनल कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष रुक्षमणि कुमारी ने सोमवार को मुख्य सचिव निरंजन आर्य को एक ज्ञापन सौंपा और दुख व्यक्त किया कि महिलाओं पर अत्याचार नहीं रुक रहे हैं ऐसे में सरकार तुरंत अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करे. कांग्रेस नेत्री द्वारा उठाए गए इस कदम ने विपक्ष को प्रदेश सरकार को घेरने का एक मौका और दे दिया है.

पिछले कुछ दिनों में प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हुए अत्याचारों की एक सूची लेकर प्रोफेशनल कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष रुक्षमणि कुमारी व उपाध्यक्ष अविनाश थानवी मुख्य सचिव निरंजन आर्य के पास पहुंचे. मुख्य सचिव को दिए अपने ज्ञापन में रुक्षमणि कुमारी ने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार से महिला का हौसला कमज़ोर हो रहा है. समाज में ऐसा कृत्य निन्दनीय है. बढ़ते दुष्कर्म एवं आपराधिक केसों के कारण महिलाएं स्वयं को असुरक्षित महसूस कर कर रही हैं, यह बेहद चिंतनीय है. अपराधियों को सज़ा मिलना बहुत ज़रूरी है, नहीं तो उनके हौंसले और बढ़ जाएंगे. कांग्रेस नेत्री ने कहा कि जिस तरह पिलानी में पुलिस ने अपराधी को जल्दी से सज़ा दिलाए, वैसा ही कदम राज्य के अन्य सभी हिस्सों में उठाया जाए, जिसके लिए प्रदेश सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे.

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हाल ही में जयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती महिला के साथ आईसीयू में दुष्कर्म जैसी घटना पर गहरा अफसोस जताते हुए रुक्षमणि कुमारी ने इसे बेहद शर्मनाक बताया. रुक्षमणि कुमारी ने कहा ऐसी घटनाओं की परिस्थितियों को उत्पन्न करने वाले प्रबंधन की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती. ऐसी घटनाओं को दबा दिया जाना उससे भी बड़ा अपराध है.

कांग्रेस नेत्री रुक्षमणि कुमारी ने दिए अहम सुझाव

मुख्य सचिव को दिए ज्ञापन में रुक्षमणि कुमारी ने ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कुछ अहम सुझाव भी दिए. कुमारी ने कहा- अस्पताल में भर्ती महिला मरीज की देखरेख के लिए महिला नर्सिंगकर्मी को ही दायित्व सौंपा जाए. गम्भीर मरीजों अथवा आई.सी.यू. में भर्ती मरीजों की देखभाल के लिए एक परिवारजन को उनके साथ रहने की व्यवस्था की जाए. महिला वार्ड में कैमरा तथा महिला सिक्योरिटी गार्ड लगाने की व्यवस्था की जाए. महिला वार्ड में पुरुषों का प्रवेश निषेध किया जाए. प्रत्येक अस्पताल में कार्यरत स्टाफ को महिलाओं मरीजों के साथ मां/बहन के जैसा व्यवहार करने संबंधी सप्ताह में एक बार शपथ अवश्य दिलवाई जाए. किसी भी महिला मरीज के साथ अस्पताल स्टाफ द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने पर अस्पताल प्रबन्धन द्वारा अविलम्ब आवश्यक कार्रवाई की जाए.

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