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केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गड़करी ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों पर कार्रवाई नहीं की तो भारत सिंधु जल समझौता तोड़ देगा और पाकिस्तान की तरफ जाने वाले पानी रोक देगा. गड़करी ने दो टूक में कहा कि सिंधु जल समझौता भारत-पाक के बीच भाईचारा, सौहार्द्र और सहयोग बढ़ाने के लिए किया गया था लेकिन हमें सौहार्द्र या सहयोग के बदले हमें बम के गोले मिल रहे है तो इस करार का कोई मतलब नहीं है.

गड़करी ने कहा कि आतंकवाद के मामले में अगर पाकिस्तान का यही रुख जारी रहा तो हम समझौता तोड़ने के लिए बाध्य हो जाएंगे. हम अपना पानी अपने राज्यों को स्थानांतरित करेंगे जिससे राज्यों में आ रही पानी की समस्या दूर होगी. उन्होंने कहा कि समझौते के अनुसार जिन तीन नदियों का पानी भारत को मिलना चाहिए वो पानी भी पाकिस्तान जा रहा है. पूर्व में रही सरकारों ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया. हमने उस पानी को रोकने के लिये प्रोजेक्ट बनाया है ताकि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को उनके हिस्से का पानी मिल सके.

बता दें कि सिंधु जल समझौता 1960 में भारत-पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्रियों, पं.जवाहरलाल नेहरू और अयूब खान ने किया था. इस समझौते के अनुसार, भारत के अधिकार क्षेत्र में पूर्व की तीन नदियां रावी, सतलुज, ब्यास और पाकिस्तान के हिस्से में सिंधु, चिनाब और झेलम नदी आई थी. पाकिस्तान नियंत्रित तीनों नदियों का बहाव क्षेत्र और इनका बेसिन भारत में होना पाकिस्तान के लिए शुरु से परेशानी का विषय रहा है.

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