आत्महत्या के 1 साल बाद खुला महंत नरेंद्र गिरी का कक्ष, 3 करोड़ रुपए, करोडों के जेवरात सहित मिला देशी घी: बाघम्बरी मठ में महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के लगभग एक साल बाद आज खोला गया उनका शयन कक्ष, CBI, पुलिस, प्रशासन और बैंक अफसरों की मौजूदगी में महंत बलवीर गिरि को दिया गया सुपुर्दगीनामा, इसी के साथ आज नरेंद्र गिरी के कमरे की चाभी सौंप दी गई महंत बलवीर गिरि को, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत नरेंद्र गिरि के शयन कक्ष की चाभी सुपुर्द करने से पहले वह सभी सामान मिलाए गए जो थे उनके कमरे में, मौके पर मौजूद सूत्रों की मानें तो महंत के कमरे में तीन करोड़ रुपये नकद, एक वसीयत, जो वर्तमान महंत बलवीर गिरि के ही नाम पर है, के साथ ही 13 कारतूस, करोड़ों के जेवरात और मिला 10 क्विंटल देशी घी, तीन करोड़ रुपये गिनने के लिए नोट गिनने की मशीन का लेना पड़ा सहारा, वहीं बाघम्बरी मठ के नए महंत बलवीर गिरि ने नकदी मिलने पर कुछ भी बोलने से किया इनकार, कहा कि कमरे की चाभी मिल गई है अब दो-तीन दिन में इस कक्ष में करेंगे प्रवेश

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