पॉलिटॉक्स न्यूज. मौजूदा समय में पूरी दुनिया कोरोना वायरस की समस्या से जूझ रही है. विश्व की सभी महाशक्तियों के साथ भारत भी संक्रमण और इससे पैदा हुए आर्थिक संकट से भी दो दो हाथ कर रहे हैं. कोरोना वायरल के गंभीर परिणाम आने के करीब 5 महीने बाद भी दुनिया का कोई देश कोरोना वैक्सीन नहीं इजात कर पाया लेकिन भारत ने अपनी दवाईयों और प्लाज्मा पद्धति के दम पर ही रिकवरी रेट में काफी बढ़ोतरी की है. इसी बीच भारत को एक गौरवान्वित करने वाली खबर आई है. माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने दावा किया है कि भारत अपने देश के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए वैक्सीन बनाने की क्षमता रखता है. उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय दवा कंपनियों के पास इतनी क्षमता है कि वो कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की दर को कम कर सकती हैं.
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बिल गेट्स डिस्कवरी प्लस चैनल की डॉक्यूमेंट्री ‘कोविड-19: इंडियाज वॉर अंगेस्ट द वायरस’ ‘COVID-19: India’s War Against The Virus’ में बोल रहे थे. यहां उन्होंने भारत के समर्थन में बोलते हुए कहा कि भारत में ज्यादा आबादी और शहरों में जनसंख्या का घनत्व ज्यादा होने की वजह से कोरोना वायरस को खत्म करने में दिक्कत आ रही है. इसके बावजूद भारतीय दवा उद्योग सिर्फ अपने देश के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए वैक्सीन बनाने की क्षमता रखता है. बिल गेट्स ने कहा कि भारतीय दवा उद्योग भारत में कोरोना मरीजों को दवा दे ही सकता है. साथ ही वो पूरी दुनिया के मरीजों के लिए भी कोरोना वायरस की वैक्सीन की सप्लाई कर सकता है.
बिल गेट्स ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर काफी महत्वपूर्ण काम हुए हैं. सिर्फ वैक्सीन बनाने को लेकर नहीं बल्कि कोरोना से जुड़े रिसर्च में भी भारतीय वैज्ञानिक और दवा कंपनियों ने दुनिया की काफी मदद की है. माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर ने कहा कि भारतीय दवा उद्योग आम दिनों में भी दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा वैक्सीन विकसित करती है. उन्हें बनाती है औऱ दुनियाभर में सप्लाई करती है. सीरम इंस्टीट्यूट वहां की सबसे बड़ी दवा कंपनी है. सीरम इंस्टीट्यूट के अलावा बायो ई, भारत बायोटेक जैसी कई दवा कंपनियां हैं जो कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए काम कर रही हैं. सिर्फ कोरोना वायरस ही नहीं ये दवा कंपनियां हर तरह की बीमारियों के इलाज खोजने का काम करती रहती हैं.
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बिल गेट्स ने बताया कि भारत कोलिशन फॉर एपिडेमिक प्रीपेअर्डनेस इनोवेंशस (CEPI) नाम के समूह में शामिल हुआ है. ताकि दुनियाभर की दवा कंपनियों के साथ मिलकर कोरोना वायरस की वैक्सीन पर रिसर्च, डेवलपमेंट, उत्पादन और सप्लाई कर सके. बिल गेट्स ने संबोधन के अंत में कहा कि भारत के युवा, वैज्ञानिक, इमरजेंसी सर्विसेज के लोग ये बात समझते हैं कि यह वायरस कितना घातक है. ये लोग पूरे देश को समझा रहे हैं. दवा कंपनियों के पास अकूत मात्रा में मानव संसाधन है. वो दवाएं बनाने को तैयार हैं. लेकिन साथ ही जरूरत है उन लोगों तक खाना पहुंचाने की जो बेरोजगार हैं. ताकि वो भूखे न रहें.