राजस्थान कांग्रेस के सियासी भविष्य को लेकर प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की पीसीसी में विधायकों व कार्यकर्ताओं के साथ बैठकों का दौर जारी, इसी कड़ी में राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष और विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने भी रंधावा से की मुलाकात, जिसके बाद खिलाड़ी बैरवा ने मीडिया से साझा की अपने मन की बात, बैरवा ने बताया कैसे सचिन पायलट को मुख्यमंत्री का दावेदार बताने का उन्हें उठाना पड़ रहा है खामियाजा, बैरवा ने कहा कि जब मैंने लिया था एससी आयोग का चार्ज तभी मुख्यमंत्री ने कही थी संवैधानिक दर्जा देने की बात, आयोग को पंजाब, केरल जैसे कई स्टेट में मिला हुआ है संवैधानिक दर्जा, जब राज्यसभा चुनाव थे तो हमसे वादे किए गए की इस मांग को किया जाएगा पूरा और हेलीकॉप्टर हमें ले जाने के लिए खड़े रहे, लेकिन वह दिन था और आज का दिन है, नियम क्या है, मुझे पता नहीं, लेकिन अनुसूचित जाति का चेयरमैन मुझे आलाकमान ने बनाया है और अनुसूचित जाति को न्याय दिलाने के लिए मैं कर सकता हूं कुछ भी क्योंकि मेरा काम ही है यह, अगर मैं इनकी रक्षा नहीं कर सका तो मेरा कोई काम ही नहीं, मेरी गलती सिर्फ इतनी थी कि मैंने मीडिया को यह कह दिया था कि सचिन पायलट जैसे योग्य व्यक्ति को भी अगर मुख्यधारा में लाया जाए तो कोई बुराई नहीं, उसके बाद से फाइल मुख्यमंत्री की टेबल पर पड़ी है सब काम कंप्लीट है, फाइनेंस के मंत्री होने के नाते फाइल मुख्यमंत्री के पास है, लेकिन आज तक एससी आयोग को नहीं दिया गया है संवैधानिक दर्जा,’ खिलाड़ी लाल बैरवा ने आगे कहा- सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग मैंने नहीं रखी यह तो पूरा राजस्थान गा रहा है, अभी जब यात्रा चली थी कन्याकुमारी से तो मैं मध्यप्रदेश, केरल और कर्नाटक गया था, वहां भी लोग यही कह रहे थे कि पायलट को बनाया जाए मुख्यमंत्री, अब मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय आलाकमान लेगा और समय कभी कम नहीं होता है, जब जागो तभी होता है सवेरा