जयपुर में लगभग 10 दिनों तक धरने पर बैठी तीन वीरांगनाओं में से एक भरतपुर के शहीद जीतराम गुर्जर की वीरांगना सुंदरी देवी ने छोड़ी देवर को नौकरी देने की मांग, शहीद जीतराम गुर्जर के परिजन और समाज के लोग सोमवार को पहुंचे आईजी गौरव श्रीवास्तव के पास, आईजी के सामने उन्होंने मांग रखी कि नगर के सरकारी कॉलेज का नाम रखा जाए शहीद जीतराम गुर्जर के नाम से, इसके साथ ही उन्होंने कहा अगर किसी वीरांगना के देवर को सरकार देती है नौकरी, तो वह शहीद जीतराम गुर्जर के भाई विक्रम को भी देगी नौकरी, अब नहीं है नौकरी की हमारी मुख्य मांग, गुर्जर महासभा के पूर्व अध्यक्ष रूप सिंह ने बताया कि, कल गांव में हुई थी एक पंचायत, जिसमें तय किया गया कि, अगर सरकार किसी वीरांगना के देवर को नौकरी देती है तो, वह शहीद जीतराम गुर्जर के भाई विक्रम को भी नौकरी दे, इसके अलावा नगर के सरकारी कॉलेज का नाम जीतराम गुर्जर के नाम जल्द से जल्द करवाए, वीरांगना सुंदरी सहित पूरा समाज चाहता है कॉलेज का नाम जीतराम गुर्जर के नाम से करवाना, धरने पर बैठी शहीद जीतराम की वीरांगना को बीती 10 मार्च की रात को रातों रात धरना खत्म कर पहुंचा दिया गया था नगर के अस्पताल, जहां रात 9 बजे तक रखा गया था वीरांगना सुंदरी, देवर विक्रम और वीरांगना की बड़ी बेटी सुमन को, सांसद रंजीता कोली और पुलिस के बीच हुए टकराव के बाद वीरांगना को भेज दिया गया था उसके घर, लेकिन वीरांगना के घर पर भी पुलिस कर दी गई थी तैनात, वीरांगना का परिवार अड़ा हुआ था कॉलेज का नाम शहीद के नाम पर और देवर की नौकरी को लेकर, लेकिन समाज की पंचायत के बाद अब देवर की नौकरी की मांग को हटा दिया गया है मुख्य मांग से