गंगा में तैरते शवों को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठाने पर रिटायर्ड IAS अफसर के खिलाफ FIR दर्ज

एसपी सिंह के ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर ह्यो रहे वायरल, उन्नाव में दर्ज हुई एफआईआर के तहत सूर्य प्रताप सिंह पर ट्वीट के माध्यम से जन मानस को भड़काने के प्रयास का लगाया आरोप, क्या मुझ पर मुक़दमा कर देने से सच बदल जाएगा? मां गंगा में तैरते 2000 शवों पर सरकार का जवाब- FIR, मां गंगा भी तुम्हें माफ नहीं करेंगी याद रखना- एसपी सिंह

रिटायर्ड IAS अफसर सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ FIR दर्ज
रिटायर्ड IAS अफसर सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ FIR दर्ज

Politalks.News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते हालात बड़े भयावह बने हुए हैं. यहां तक कि उत्तरप्रदेश में गंगा नदी में कई लाशों के बहने की खबरें वहां की सुर्खियों में बनी हुई है. वहीं कोरोना महामारी के बीच गंगा नदी में बहती लाशों के मसले पर ट्वीट करना रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह को महंगा पड़ गया है. सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ उन्नाव में एफआईआर दर्ज की गई है. जिसके तहत सूर्य प्रताप सिंह पर ट्वीट के माध्यम से जन मानस को भड़काने के प्रयास का आरोप लगाया गया है. दरअसल, एसपी सिंह का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इसी को लेकर उन्नाव सदर कोतवाली पुलिस ने ट्वीट का संज्ञान लिया है. उन्नाव सदर कोतवाली पुलिस ने सिंह के ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस का दावा है कि जो 100 शव गंगा में बहते हुए दिखाए जा रहे हैं, वह जनवरी 2014 का मामला है. सदर कोतवाली में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी पर महामारी एक्ट, आपदा प्रबंधन एक्ट व आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है.

रिटायर्ड आईएएस अधिकारी पर दर्ज एफआईआर के मुताबिक, सूर्य प्रताप सिंह ने एक ट्वीट में लिखा था, ’67 शवों को योगी सरकार ने गंगा के तट पर जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफन किया है. शवों का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से न करना हिंदुओ के लिए कलंक जैसा है. यूपी का यह योगी मॉडल जीवित को इलाज नहीं, मृतक का अंतिम संस्कार नहीं.’ एफआईआर के अनुसार, रिटायर्ड अधिकारी ने एक फोटो भी शेयर किया, जिसमें शव गंगा में बहते हुए जा रहे हैं. जिसको लेकर पुलिस का दावा है कि जो 100 शव गंगा में बहते हुए दिखाए जा रहे हैं, वह जनवरी 2014 का मामला है.

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रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने 12 मई को ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर किया था, जिसमें गंगा के किनारे कुछ दफन शवों को दिखाया गया. सूर्य प्रताप सिंह ने वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट में लिखा था, ‘उन्नाव में गंगा के किनारे दफनाई गयी लाशें हिन्दुओं की हैं जिनका अंतिम संस्कार ग़रीबी के कारण वैदिक रीति रिवाज से नहीं हो सका. मौत के असली आंकड़े भी इन हिंदू कब्रों में ही दफन हो गए. योगी सरकार की नाकामी के शिकार इन निर्दोषों की मौत में सकारात्मकता कहां से खोजें, मोदी जी?’

उधर एफआईआर दर्ज होने के बाद पूर्व आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने कई ट्वीट किए हैं, एक ट्वीट में उन्होंने लिखा- “आज उन्नाव में मेरे ऊपर गंभीर धाराओं में एक और मुक़दमा दर्ज कर दिया गया है, उन्नाव पुलिस का कहना है की ‘तैरती लाशों’ पर मेरे द्वारा किया गया ट्वीट भ्रामक है,योगी जी ने दो दिन में लगातार दो ‘मुक़दमे’ तोहफ़े में दिए हैं, ये ‘यूपी मॉडल’ की पोल खोलने का इनाम है.”

एक अन्य ट्वीट में एसपी सिंह ने लिखा है कि, “बात सच हो गई. धारा 153, 465, 505, 21, 54 और IT Act 67 के तहत मेरे ऊपर उन्नाव पुलिस ने मुक़दमा लिख दिया है.”

एक और ट्वीट में रिटायर्ड आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने पूछा कि, “क्या उन्नाव में कोई लाशें नहीं तैर रहीं? क्या मुझ पर मुक़दमा कर देने से सच बदल जाएगा? मां गंगा में तैरते 2000 शवों पर सरकार का जवाब- FIR, मां गंगा भी तुम्हें माफ नहीं करेंगी याद रखना.”

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