Thursday, January 16, 2025
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आंध्रप्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज

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आंध्रप्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कोडेला शिव प्रसाद राव और उनके पुत्र शिवराम कृष्णा के खिलाफ गुंटूर जिले के थुल्लुर पुलिस थाने में चोरी की एफआईआर दर्ज हुई है, जिसमें धारा 409 के तहत सरकारी सामान अनाधिकृत स्थान पर रखने का आरोप लगाया गया है. राव पांच साल विधानसभा अध्यक्ष रहे. उनके कार्यकाल में आंध्र प्रदेश का विभाजन हुआ. अमरावती में आंध्र प्रदेश की नई राजधानी बनाने का फैसला किया गया. वहां नया विधानसभा भवन बन रहा है. आंध्र प्रदेश की नई वाईएसआर कांग्रेस की सरकार ने राव पर आरोप लगाया है कि वह अपने दफ्तर का कीमती फर्नीचर अपने घर ले गए हैं.

राव पर आरोप लगने के तत्काल बाद राव के सट्टनपल्ली स्थित निजी कार्यालय में चोरी हो गई. चोर दो सरकारी कंप्यूटर उठा ले गए, जो राव अपने कार्यालय से ले आए थे. पुलिस ने जब सीसीटीवी की जांच शुरू की तो एक चोर ने कंप्यूटर राव के घर के पास पटक दिए और पुलिस के सामने समर्पण कर दिया. वह चोर एक पूर्व सरकारी कर्मचारी है.

बता दें, आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले के थुल्लुर पुलिस थाने में विधानसभा के विभागीय अधिकारी एम ईश्वरा राव ने कोडेला शिव प्रसाद राव और उनके पुत्र शिवराम कृष्णा के खिलाफ चोरी की एफआईआर दर्ज कराई है. वहीं राव ने चोरी के आरोपों को नकारते हुए कहा कि सुरक्षा के लिहाज से वह कुछ सामान घर ले गए थे. जो सामान उनके पुराने दफ्तर से हटाया गया, उनमें एक निजामकालीन टेबल, बर्मा के सागौन की बनी डिजाइनर कुर्सियां, आगंतुकों के लिए 14 मयूराकार कुर्सियां, एक सेंटर टेबल, 117 प्लास्टिक की कुर्सियां, स्पीकर के एंटी चेंबर की तीन कुर्सियां, तीन सीटर आलीसान सोफा, 2 स्प्लिट एयर-कंडीशनर और एक टॉवर एसी शामिल है.

आंध्र प्रदेश विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय का कुछ फर्नीचर गुंटूर में राव के पुत्र शिवराम के मोटर साइकिल शोरूम में उपयोग में आ रहा है. इसी विवाद के बीच शुक्रवार को आंध्र प्रदेश विधानसभा के सुरक्षा अधिकारी और चीफ मार्शल का तबादला कर दिया गया है. आंध्र प्रदेश का विभाजन जून 2014 में हुआ था. इसमें राज्यों की संपत्ति का भी विभाजन भी हुआ था, जिसके तहत आंध्र प्रदेश सरकार का बहुत सा सामान विजयवाड़ा, मंगलगिरी और गुंटूर में विभिन्न स्थानों पर ले जाया गया था. इसमें फर्नीचर, बिजली के उपकरण और इलेक्ट्रानिक सामान शामिल हैं.

विभाजन के समय आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम सरकार थी. तेलुगु देशम ने आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद से अलग अमरावती में बनाने का फैसला किया. नई राजधानी का निर्माण 2024 तक होने की संभावना है. राव का कहना है कि कुछ सामान वह सुरक्षा की दृष्टि से अपने घर ले गए थे. उन्होंने इसके लिए सात जून को विधानसभा के सचिव को पत्र लिखा है, सरकार चाहे तो सामान वापस ले सकती है या मूल्यांकन करके मुझसे उसकी कीमत वसूल सकती है.

जब आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती में बनाने की योजना बनी, तब विधानसभा सभा का भी दो भागों में विभाजन हो रहा था. आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एपीसीआरडीए) के तहत नई विधानसभा का निर्माण कार्य हो रहा है. अधिकारियों का कहना है कि नए विधानसभा में पुराने फर्नीचर की जरूरत नहीं है. नया फर्नाचर बन रहा है और बिजली व इलेक्ट्रानिक उपकरण भी नए लग रहे हैं. इस स्थिति में पुराने ऐतिहासिक फर्नीचर और उपकरणों का रखरखाव भी समस्या है. राव ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर कुछ फर्नीचर उन्होंने अपने सट्टनपल्ली, अमरावती और नरसारावपेट स्थित कार्यालयों में रखा है.

सट्टनपल्ली के वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के विधायक अंबाती रामबाबू ने आरोप लगाया कि वह (राव) झूठ बोल रहे हैं कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को कोई पत्र नहीं लिखा है. पांच साल विधानसभा अध्यक्ष रहने के बाद पद से हटने पर उन्होंने सरकारी फर्नीचर वापस क्यों नहीं किया? वह फर्नीचर और इलेक्ट्रानिक उपकरण अपने घर क्यों ले गए?

आंध्र प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष कोना रघुपति ने कहा कि कुछ फर्नीचर राव अपने घर ले गए हैं, जो कि उनके कार्यकाल में ही बनवाया गया था. एसी और बिजली के उपकरण भी वे अपने घर ले गए हैं, यह पक्का नहीं है, लेकिन कुछ फर्नीचर अवश्य ले गए हैं. जब राज्य विभाजन के समय फर्नीटर हटाया जा रहा था, तब कुछ सदस्य लौटाने की शर्त पर कुछ फर्नीचर अपने साथ ले गए थे. इस मामले में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अब तक वह फर्नीचर वापस नहीं कर पाए हैं. नया विधानसभा भवन बनने पर उन्हें वह फर्नीचर लौटा देना चाहिए. रघुपति ने कहा कि अगर राव सरकारी फर्नीचर लौटा देंगे तो मामला समाप्त हो जाएगा. आंध्र प्रदेश विधानसभा के मौजूदा प्रभारी सचिव बालकृष्णामाचार्युलु ने इस मामले कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

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