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हिमाचल प्रदेश में लोकसभा के आखिरी चरण के मतदान के दौरान लापरवाही को देखते हुए पांच पीठासीन अधिकारियों समेत 20 कर्मचारियों पर चुनाव आयोग की गाज गिरी है. तीन बार प्रशिक्षण के बावजूद इन कर्मचारियों की भारी चूक सामने आई है. इन्होंने मॉक पोल डिलीट किए बिना ही वोटिंग शुरू कर दी. इतना ही नहीं इसके बाद उच्च अधिकारियों को बिना किसी सूचना के हड़बड़ी में मॉल पोल के वोटों के साथ असली वोट भी ईवीएम से हटा दिए. अब आयोग जांच के बाद आगे की कार्रवाई करने वाला है.

निर्वाचन आयोग आदर्श आचार संहिता की कड़ाई से पालना सहित बिना चूक मतदान के प्रति सख्त दिखा है. आखिरी चरण के मतदान के दौरान रविवार को हिमाचल प्रदेश में उच्च अधिकारियों ने जब पोलिंग का जायजा लिया तो बड़ी चूक सामने आई. जहां नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के कश्मीरपुर, मंडी के सलवाहन, नाचन के हरवाहनी, सरकाघाट के चौक-2 और कुल्लू के ढालपुर-3 पोलिंग बूथ पर मतदान कर्मचारी मॉक पोल के वोट डिलीट करना ही भूल गए. यही नहीं हड़बड़ी में कर्मचारियों ने कश्मीरपुर में तो असली वोट भी डिलीट कर डाले.

जिसमें नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के हमीरपुर मतदान केंद्र पर 51 मॉक पोल के अलावा 36 असली वोट भी पड़ गए थे. वोटिंग शुरू होने के बाद जब मतदान कर्मियों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने बिना उच्च अधिकारियों को जानकारी दिए सारे वोट डिलीट कर दिए. जिसमें मॉक पोल के बाद पड़े असली वोट भी डिलीट हो गए. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन आयोग को इस पूरी घटना की रिपोर्ट भेज दी गई. साथ ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस लापरवाही के आरोप में पांच पीठासीन अधिकारियों समेत 20 कर्मचारियों के निलंबन के आदेश जारी कर दिए हैं.

मतदान के दौरान इस गड़बड़ी के बाद उच्च अधिकारियों सभी जगह मतदान कर्मियों को बदल दिया. साथ ही पहले की ईवीएम और वीवीपैट मशीन भी सील कर बदली गईं. अब चुनाव आयोग नालागढ़ के कश्मीरपुर बूथ पर फिर से मतदान कराने पर अपना फैसला दे सकता है. चूंकि बड़ी संख्या में वोट डिलीट हुए हैं ऐसे में दिल्ली में आयोग को इसकी अलग से रिपोर्ट भेजी गई है.

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