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देश में लोकसभा चुनाव के बाद आए एग्ज़िट पोल ने विपक्ष की नींदे उड़ा दी है. अभी परिणाम आने शेष हैं लेकिन उससे पहले ही ईवीएम मशीन पर दंगल शुरू हो गया है. एग्ज़िट पोल ने केंद्र में एनडीए की सरकार क्या बनाई, पहले कांग्रेस और अब शेष विपक्ष के दलों ने लामबंध होकर ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. कांग्रेस के बाद आप पार्टी और महबूबा ने भी ईवीएम पर सवालिया निशान लगाया है.

वहीं दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम-वीवीपैट पर फिर से सुनवाई से इनकार कर दिया है. कई दलों ने ईवीएम की गणना का मिलान 100 फीसदी वीवीपैट की पर्चियों से करने की अपील की थी. अब इस मामले पर आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री व टीडीपी नेता एन चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में 22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग को घेरना का मन बनाया है.

इधर, एग्ज़िट पोल आने के बाद कांग्रेस ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए शुरू कर दिए थे. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बारे में अपनी आवाज तेज की. अब आम आदमी पार्टी और महबूबा मुफ्ती भी इस लिस्ट में शामिल हो गई है.

इस बारे में आप पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने 23 मई को लोकसभा चुनाव की काउंटिंग से पहले चुनाव आयोग द्वारा गाइड लाइन जारी न होने पर आंदोलन का रास्ता अपनाने का ऐलान किया है. संजय सिंह ने कहा, ‘राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से लिखकर कहा था कि VVPAT की पर्चियों और EVM मशीन में कोई मिस मैच होता है या दोनों के वोट में मिसमैच और गड़बड़ी पाई जाती है तो आगे की गाइड लाइन क्या है? क्या उस क्षेत्र का चुनाव रद्द होगा? क्या उस क्षेत्र में दोबारा मतगणना होगी?’

वहीं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी EVM की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं. अपने ट्वीटर हैंडल से उन्होंने ट्वीट किया, ‘ईवीएम स्विच करने की खबरें लगातार आ रही हैं, लेकिन अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से कोई सफाई नहीं दी गई है. जिस तरह एग्जिट पोल के बाद इस तरह की लहर बनाने की कोशिश हो रही है, ये एक तरह से दूसरे बालाकोट की तैयारी है.’

राष्ट्रीय जनता दल ने भी अपने आॅफिशियल ट्वीट हैंडल से एक ट्वीट शेयर कर ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है.

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