पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में प्रथम श्रेणी स्कूल व्याख्याता परीक्षा की तिथि को आगे बढाने को लेकर पिछले लगभग एक महिने से आंदोलन कर रहे हजारों अभ्यर्थियों की आस को बड़ा झटका लगा है. शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने परीक्षा की तिथि आगे बढाने से साफ इंकार कर दिया है. डोटासरा ने गुरुवार शाम एक ट्वीट करते हुए कहा कि स्कूल व्याख्याता परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाने के मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने एवं सब कमेटी में विचार विमर्श के बाद सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए विद्यार्थी हित में परीक्षा को तय समय पर ही कराने का फैसला लिया है. आंदोलनरत सभी युवा साथियों से मेरा अनुरोध है कि आंदोलन समाप्त करें. बहुत जल्द रीट भर्ती की घोषणा होने जा रही है, जिसमें सभी अच्छे से तैयारी करके शामिल हो सकते हैं.
स्कूल व्याख्याता परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाने के मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने एवं सब कमेटी में विचार विमर्श के बाद सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए विद्यार्थी हित में परीक्षा को तय समय पर ही कराने का फैसला लिया है।आंदोलनरत सभी युवा साथियों से मेरा..(1/2) pic.twitter.com/HhBdkFOFeq
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) December 19, 2019
बता दें प्रथम श्रेणी स्कूल व्याख्याता परीक्षा की तिथि को आगे बढाने को लेकर प्रदेश के हजारों छात्र आंदोलनरत है. अभ्यर्थियों की मांग को लेकर पिछले 4 दिनों से राज्यसंभा सांसद किरोडी लाल मीना के नेतृत्व में जयपुर के शहीद स्मारक पर ये धरना जारी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभ्यर्थियों की मांग सुनने को लेकर तीन सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया था. बुधवार शाम अभ्यर्थियों का एक दल सचिवालय में उर्जा मंत्री बीडी कल्ला से मिलकर अपनी मांगो से भी अवगत करा चुका है. लेकिन अभ्यर्थियों की एक ना सुनते हुए शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने गुरूवार शाम साफ कहा कि तय समय पर ही परीक्षा होगी.
शिक्षा मंत्री के बयान के बाद धरना स्थल पर धरना दे रहे अभ्यर्थी आक्रोशित हो गये. शिक्षा मंत्री द्वारा दिये गये बयान पर धरने में शामिल राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीना ने कहा सरकार ने आज एकतरफा फैसला करके अभ्यर्थियों के खिलाफ लोकतंत्र की हत्या की है. मुख्यमंत्री गहलोत ने 3 सदस्यीय कमेटी जो बनाई थी जिसमें सिर्फ मंत्री बीडी कल्ला ने अभ्यर्थियों को सुना था. शिक्षा मंत्री ने आज घोषणा कर दी तय समय पर ही परीक्षा होगी. तय समय पर परीक्षा होने से लगभग 4 लाख लोग परीक्षा से वंचित रह जायेंगे. क्योंकि उन्हे तैयारी करने का पर्याप्त समय नहीं मिलेगा. आगे सांसद मीना ने कहा कि गहलोत सरकार ने अत्याचार, अन्याय, लोकतंत्र की हत्या की है. वहीं सीएम गहलोत से निवेदन करते हुए कहा कि आप इस फैसले पर विचार करे. वहीं अभ्यर्थियों से कहा कि किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है मैं अंतिम क्षण तक कंधे से कंधा मिलाकर लडाई करूंगा और न्याय दिलाउंगा.