पॉलिटॉक्स न्यूज/यूपी. कांग्रेस और योगी सरकार के ‘बस पॉलिटिक्स’ के बाद से उत्तर प्रदेश की राजनीति करीब करीब ठंडी ही पड़ी है. ऐसे में योगी सरकार के लिए सब कुछ सही सही चल रहा था लेकिन अचानक से प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वीवीआईपी गेस्ट हाउस की दीवार पर लगे कुछ विवादित पोस्टर्स ने फिर से राजनीति को उठ खड़ा होने का मौका दे दिया. इस पोस्टर्स में सीएम योगी आदित्यनाथ और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के साथ आरोपियों की फोटो को दिखाया गया है. हालांकि पुलिस के संज्ञान में मामला आने के बाद तत्काल पोस्टर हटा लिए. इसके बाद प्रियंका गांधी ने इन पोस्टर्स का हवाला देते हुए योगी सरकार को चारों तरफ से घेरने का काम किया.
बता दें, उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती और पशुधन विभाग में टेंडर घोटाले को लेकर यह पोस्टर लगाए गए हैं. इन 10 विवादित पोस्टरों में पोस्टर लगाने वाले का नाम नहीं लिखा है. फिलहाल, पुलिस ने इन पोस्टर को हटा दिया है. साथ ही पोस्टर लगाने वाले की तलाश शुरू हो गई है.
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गौरतलब है कि सहायक शिक्षक भर्ती और पशुधन विभाग में टेंडर मामले में पुलिस के द्वारा कई आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. पूरे मामले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) कर रही है. शिक्षक भर्ती केस में टॉपर समेत कई आरोपी प्रयागराज में गिरफ्तार किए जा चुके हैं. यूपी का अनामिका शुक्ला प्रकरण भी काफी सुर्खियों में रहा है. वहीं सचिवालय में पशुपालन विभाग के नाम पर फर्जीवाड़े की खबर भी सामने आई हैं. आरोप है कि सहायक समीक्षा अधिकारी, संविदा कर्मचारी की मदद से जालसाज सचिवालय के एक कमरे को पशुपालन विभाग का दफ्तर बनाकर फर्जीवाड़ा करते रहे और किसी को भनक तक नहीं लगी.
उक्त सभी मामलों में योगी सरकार को घेरते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यूपी की भाजपा सरकार में प्रदेश का सबसे बड़ा दफ्तर सचिवालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. पशुपालन विभाग के घोटाले ने सरकार के पूरे भ्रष्ट तंत्र की कलई खोल दी. प्रदेश की कार्यपालिका के केंद्र के इर्द-गिर्द भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है. प्रियंका ने कहा कि क्या मंत्रियों व मुख्यमंत्री को इसकी भनक ही नहीं है? यदि ऐसा है तो ये तथ्य चौंकाने वाला है. उन्होंने इसे योगी सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान बताया.
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…क्या मंत्रियों व मुख्यमंत्री को इसकी भनक ही नहीं है? यदि ऐसा है तो ये तथ्य चौंकाने वाला है। ये उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान है। 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 16, 2020
वहीं प्रियंका ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा करने वाले प्रयागराज के SSP सत्यार्थ अनिरुद्ध के तबादले पर भी आश्चर्य जताया. दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार देर रात 9 जिलों के एसएसपी समेत 14 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया जिसमें SSP सत्यार्थ अनिरुद्ध का नाम भी शामिल है. अनिरूद्ध की जगह पीलीभीत के एसपी अभिषेक दीक्षित को प्रयागराज का नया एसएसपी बनाया गया है.
… आपको हमारी शुभकामनाएँ। यह विश्वास है कि जहां भी आपकी ड्यूटी होगी वहाँ आप सच्चाई और प्रशासन की पारदर्शिता के लिए काम करेंगे। 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 16, 2020
सरकार के इस निर्णय पर प्रियंका गांधी ने चौंकते हुए लिखा, ‘जिस समय उन्होंने इतने बड़े घोटाले का खुलासा किया है, उनके जाने से जांच का नुकसान न हो. वजह जो भी है, ऐसे अफसरों को पब्लिक का पूरा समर्थन मिलना चाहिए जो ईमानदारी से, निर्भय होकर अपना कर्तव्य निभाते हैं.’