मिलावटखोरों पर सख्त CM गहलोत ने सेहत से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के दिए निर्देश

मिलावटखोरी के खिलाफ 26 अक्टूबर से 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान चलाया जाए, जो त्योहारी सीजन के दौरान नवंबर माह के अंत तक चलेगा, मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए यदि आवश्यक हो तो कानून में समुचित संशोधन किया जाए- सीएम गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में अब मिलावटखोरों की खैर नहीं है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट कर जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सरकार विशेष अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करेगी. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान मिलावटखोरी से मुक्ति की दिशा में एक अलग पहचान बनाएगा. सीएम गहलोत ने कहा कि दूध, दूध से बने पदार्थों, मिठाइयों, मसालों, घी-तेल और अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर यह तय किया जाएगा कि कोई भी लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सके.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम आवास पर सोमवार को हुईं एक हाई लेवल मीटिंग के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि मिलावटखोरी के खिलाफ 26 अक्टूबर से ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान चलाया जाए, जो त्योहारी सीजन के दौरान नवंबर माह के अंत तक चलेगा. यह अभियान राज्य-स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों का समूह बनाकर चलाया जाएगा. सभी जिलों में जिला कलेक्टर के निर्देशन में अभियान चलाया जाएगा.

यह भी पढ़ें: महीनों देश से सच्चाई छुपाते रहे स्वास्थ्य मंत्री ने पहली बार स्वीकारा कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अभियान दूध, घी, तेल, मिठाइयों, मसालों, सूखे मेवों आदि खाद्य पदार्थों में मिलावट के साथ-साथ खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और पैकेजिंग में ‘मिस-ब्रांडिंग’ पर केंद्रित रहेगा. संदिग्ध पदार्थों के सैंपल की गुणवत्ता की प्रयोगशाला में फौरन जांच करवाकर मिलावटी सामान तैयार करने वाले और ऐसे पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस आपराधिक दंडात्मक कार्रवाई भी करेगी.

मुख्यमंत्री गहलोत ने निर्देश दिए कि खाद्य पदार्थों में मिलावट के लिए संगठित गिरोह के रूप में फैक्टरी लगाकर नकली, खाद्य पदार्थ, मसाले एवं दूध आदि तैयार करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान की सफलता के लिए यह जरूरी है कि आम लोग भी जागरूक हों और ‘शुद्ध के लिये युद्ध’ अभियान में सरकार का साथ दें. सीएम गहलोत ने यह भी कहा कि संगठित मिलावटखोरों के बारे में जानकारी देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा और जानकारी सही पाए जाने पर उनको उचित इनाम भी दिया जाएगा.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मिलावटखोरी के खिलाफ अभियान में पूर्ण पारदर्शिता रखी जाए. मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए यदि आवश्यक हो तो कानून में समुचित संशोधन किया जाए. मुख्यमंत्री ने ‘शुद्ध के लिये युद्ध‘ अभियान की योजना बनाने और उसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला-स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति बनाने के निर्देश दिए. यह समिति अभियान का क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग भी करेगी.

यह भी पढ़ें: सियासी बवाल: ‘राहुल लाहौरी’ वाले बयान पर सचिन पायलट ने संबित पात्रा को दिया मुंह तोड़ जवाब

समिति में जिला पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ), जिला रसद अधिकारी, वाणिज्यकर अधिकारी तथा डेयरी विभाग का प्रबंधक निदेशक या अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. समिति के निर्देशन में कलक्टर द्वारा नामित उप खण्ड अधिकारी अथवा विकास अधिकारी, तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार के नेतृत्व में एक कार्रवाई दल गठित होगा, जो मिलावटखोरों के खिलाफ मौके पर जाकर कार्रवाई करेगा. इस दल में खाद्य सुरक्षा निरीक्षक, बाट एवं मापतोल विभाग, पुलिस तथा डेयरी के अधिकारी भी रहेंगे.

मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे निर्देश देते हुए कहा कि राज्य-स्तर पर अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन और नियमित मॉनिटरिंग के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का एक उप समूह गठित किया जाए. इस समूह में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा गृह विभागों के प्रमुख शासन सचिव एवं खाद्य एवं आपूर्ति, पशुपालन तथा डेयरी विभागों के शासन सचिव सहित अन्य अधिकारी शामिल होंगे.

Leave a Reply