‘पुलवामा के लिए पूरा पाकिस्तान जिम्मेदार नहीं, एयर स्ट्राइक गलत फैसला’
ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने पुलवामा अटैक पर एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक का भाजपा सरकार का फैसला गलत बताते हुए चुनावों में इस्तेमाल होने वाला एक हथकंड़ा बताया है. उन्होंने कहा कि पूरा पाक दोषी नहीं है. किसी हमले के लिए पूरे देश को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता और एयर स्ट्राइक का फैसला सही नहीं था. साथ ही उन्होंने एयर स्ट्राइक के सबूत और हमले में मारे गए लोगों की संख्या पूछी है. उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई हमले के लिए भी पूरा पाक दोषी नहीं है.
एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में पित्रोदा ने कहा, ‘अगर एयरफोर्स ने तीन सौ लोगों को मारा तो ठीक है. क्या इसके तथ्य और सबूत दिए जा सकते हैं? भारत के लोगों को जानने का अधिकार है कि एयर फोर्स ने पाकिस्तान में कितनी तबाही मचाई और उसका क्या फर्क पड़ा. हमें ज्यादा भावुक होने की जरूरत नहीं है क्योंकि डेटा निष्पक्ष होता है.’
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सैम पित्रोदा के इस बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलटवार करते हुए ट्विट किया है ‘विपक्ष लगातार हमारी सेनाओं का अपमान कर रहा है. मैं इस देश के लोगों से अपील करता हूं कि वो विपक्ष द्वारा दिए जा रहे इस तरह के बयानों पर सवाल करें.’
Opposition insults our forces time and again.
I appeal to my fellow Indians- question Opposition leaders on their statements.
Tell them- 130 crore Indians will not forgive or forget the Opposition for their antics.
India stands firmly with our forces. #JantaMaafNahiKaregi https://t.co/rwpFKMMeHY
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) March 22, 2019
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने टविट का जवाब देते हुए कहा है, ‘सैम पित्रोदा ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के सबूत मांगे, भारत की सेना का मनोबल गिराने का काम किया है वो कोई साधारण व्यक्ति नहीं बल्कि राहुल गाँधी के चुनावी सलाहकार है.’
सैम पित्रोदा ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के सबूत मांगे, भारत की सेना का मनोबल गिराने का काम किया है वो कोई साधारण व्यक्ति नहीं बल्कि राहुल गाँधी के चुनावी सलाहकार है : श्री @rsprasad
— BJP (@BJP4India) March 22, 2019
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भी पित्रोदा के बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, ‘म पित्रोदा का आज का बयान ये दिखलाता है कि हमने जो किया वो गलत था। जबकि ऐसा तो विश्व के किसी देश, यहां तक की OIC ने भी नहीं कहा, केवल पाकिस्तान ने ये बात कही। पित्रोदा का आज का ये बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.’
सैम पित्रोदा का आज का बयान ये दिखलाता है कि हमने जो किया वो गलत था। जबकि ऐसा तो विश्व के किसी देश, यहां तक की OIC ने भी नहीं कहा, केवल पाकिस्तान ने ये बात कही। पित्रोदा का आज का ये बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है: श्री @arunjaitley
— BJP (@BJP4India) March 22, 2019
बिहार: महागठबंधन में शामिल दलों के बीच हुआ सीटों का हुआ बंटवारा
बिहार में आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पुर्वे ने महागठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा कर दिया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पुर्वे ने बताया कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल 20, कांग्रेस 9 और रालोसपा 5 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. ‘हम’ पार्टी को 3 सीटें दी गई हैं. उन्होंने जानकारी दी कि आरजेडी की विभा देवी नवादा, हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी गया, रालोसपा के भूदेव चौधरी जमुई और शरद यादव आरजेडी के चुनाव चिन्ह से मैदान में उतरेंगे.
‘पॉलिटॉक्स’ ने 20 मार्च को प्रकाशित रिपोर्ट में यह बता दिया था कि महागठबंधन में शामिल दल कितनी-कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि कांग्रेस की ओर से 11 सीटें मांगने पर सीटों का बंटवारा अटक गया था. कांग्रेस के इस रुख पर तेजस्वी यादव ने नाराजगी जाहिर करते हुए इशारों में निशाना साधा था. सूत्रों के अनुसार सीट बंटवारे का फॉर्मूला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच मंगलवार को फोन पर हुई बातचीत के बाद निकला है.
राहुल और तेजस्वी ने यह माना कि अलग-अलग चुनाव लड़ने से भाजपा को सीधा फायदा होगा और विपक्ष का सूपड़ा साफ हो जाएगा. एक चर्चा यह भी रही कि महागठबंधन में सीटों के बटवारे पर गतिरोध को दूर करने के लिए शत्रुघ्न सिन्हा ने अहम भूमिका निभाई. उन्होंने ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 11 सीटों का हठ छोड़ 9 सीटों पर सहमति देने के लिए तैयार किया.
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गौरतलब है कि एनडीए के सहयोगी दलों के बीच सीटों का बंटवारा हो चुका है. भाजपा के हिस्से में पटना साहिब, पाटलीपुत्र, साराण, आरा, बक्सर, औरंगाबाद, मधुबनी, बेगुसराय, उजियारपुर, पूर्वी चंपारण, शिवहर, दरभंगा, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, अररिया, महाराजगंज और सासाराम सीट आई है जबकि जेडीयू के खाते में सुपौल, किशनगंज, कटिहार, गोपालगंज, सीवान, भागलपुर, सीतामढ़ी, जहानाबाद, काराकाट, गया, पूर्णिया, मधेपुरा, बाल्मिकीनगर, मुंगेर, बांका, झांझरपुर और नालंदा सीटें आई हैं.
वहीं, एलजेपी के उम्मीदवार वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया, नवादा और जमुई से मैदान में उरतेंगे. काबिलेगौर है कि बिहार में भाजपा और जेडीयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि एलजेपी के हिस्से 6 सीटें आई हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में एनडीए बिहार की 31 सीटें जीतने पर कामयाब हुआ था, पर उस वक्त जेडीयू एनडीए का हिस्सा नहीं था. भाजपा ने जेडीयू के साथ सीटों के बंटवारे पर सहमति बनाने के लिए अपनी जीती हुई 5 सीटें छोड़ी हैं.
उत्तर प्रदेश: भाजपा के सहयोगी दलों की राह में कांटें हजार
उम्मीदवारों का एलान होने के बाद लोकसभा चुनाव का रोमांच चरम की ओर बढ़ रहा है. राजनीति के जानकारों के बीच हो रही चर्चा का सबसे बड़ा केंद्र उत्तर प्रदेश है. 2014 के चुनाव में भाजपा ने यहां की 80 में से 71 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था. भाजपा का दावा है कि पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश में इससे भी अच्छा प्रदर्शन करेगी, लेकिन समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन ने उनकी राह में कांटें बिछा दिए हैं.
सपा-बसपा का गठबंधन भाजपा ही नहीं, उसके सहयोगी दलों के लिए भी मुसीबत बन गया है. बता दें कि भाजपा उत्तर प्रदेश में अपना दल (एस) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के साथ लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरी है. इन दोनों दलों में 2014 के चुनाव के समय से ही उथल-पुथल मची है, जो अभी तक शांत नहीं हुई है.
पहले अपना दल की बात करें तो इस पार्टी का गठन 1995 में डॉ.सोनेलाल पटेल ने किया था. उन्होंने संगठन का ढांचा तो तैयार किया, लेकिन खुद कभी चुनाव नहीं जीत पाए. हालांकि उनकी बेटी अनुप्रिया पटेल ने 2012 के विधानसभा चुनाव में वाराणसी की रोहनिया सीट से जीत दर्ज की. उनके अलावा पार्टी का एक और उम्मीदवार विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहा.
2014 लोकसभा चुनाव अपना दल ने भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ा. इस चुनाव में मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल और प्रतापगढ़ से कुंवर हरिवंश सिंह ने जीत हासिल की. असल में अपना दल का मूल वोट बैंक कुर्मी और पटेल जाति को माना जाता है. मिर्जापुर और प्रतापगढ़ के अलावा आसपास की करीब एक दर्जन सीटों पर इन जातियों का प्रभाव है. अपना दल के साथ आने से इन सीटों पर कुर्मी और पटेल वोट भाजपा को मिले.
लोकसभा चुनाव में जीत के बाद अनुप्रिया को केंद्र में मंत्री बनाया गया, लेकिन उनके शपथ लेने के कुछ महीने के बाद ही उनकी अपनी मां कृष्णा पटेल से तनातनी हो गई. दोनों के बीच हुआ विवाद पार्टी टूटने के बाद खत्म हुआ. कृष्णा पटेल अपना दल की मुखिया बन गईं जबकि अनुप्रिया ने अपना दल (एस) का गठन किया. वहीं, दोनों के बीच हुआ विवाद से नाराज कुछ नेताओं ने अपना दल बलिहारी नाम से नई पार्टी बना ली.
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अपना दल में यह टूट यहीं नहीं थमी. पार्टी के दूसरे सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने राष्ट्रीय अपना दल के नाम से चौथी पार्टी बना ली. इलाके की राजनीति के जानकारों की मानें तो पार्टी में हुई गुटबाजी से कुर्मी और पटेल वोट बंट गए हैं. प्रतापगढ़ से अपना दल के पूर्व सांसद और एक मौजूदा विधायक ने भी बागी तेवर अपना रखे हैं. ऐसे में बदले हुए समीकरण मिर्जापुर में अनुप्रिया पटेल के लिए मुसीबत बन सकते हैं.
भाजपा के दूसरे सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) की बात करें तो उसने खुद अपने और अपने सहयोगी दल की राह में कांटे बिछाने का काम किया. अति पिछड़ी जातियों को जोड़ने के लिए भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा से समझौता किया. समझौते में सुभासपा को विधानसभा की आठ सीटें मिली, जिसमें चार सीटों पर उसने जीत दर्ज की और पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने.
मंत्री बनने के बाद भी ओम प्रकाश राजभर सरकार की नीतियों की लगातार आलोचना करते रहे. उनका कहना था कि भाजपा ने उन्हें पिछड़ा वर्ग का आरक्षण तीन हिस्सों में बांटने का आश्वासन दिया था, जिस पर अभी तक कोई काम नहीं किया. उनकी भाजपा से नाराजगी और लगातार मंच से उसके खिलाफ टिप्पणियां ही आज उनके रास्ते में कांटा बिछा चुकी है.
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उत्तर प्रदेश: बसपा ने जारी की 11 उम्मीदवारों की पहली सूची
उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा का सिलसिला तेज हो गया है. बसपा ने अपने कोटे की 11 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है. इसमें सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, फतेहपुर सीकरी व आंवला लोकसभा सीटें शामिल हैं.
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल गौतम की ओर से जारी सूची के अनुसार सहारनपुर से हाजी फजर्लरहमान, बिजनौर से मलूक नागर, नगीना से गिरीश चंद्र, अमरोहा से कुंवर दानिश अली, मेरठ से हाजी मोहम्मद याकूब, गौतमबुद्धनगर से सतबीर नागर, बुलंदशहर से योगेश वर्मा, अलीगढ़ से अजीत बालियान, आगरा से मनोज कुमार सोनी, फतेहपुर सीकरी से राजवीर सिंह और आंवला से रुचि वीरा बसपा की उम्मीदवार होंगी.
वहीं, समाजवादी पार्टी ने गाजीयाबाद सीट पर उम्मीदवार को बदला है. यहां से सुरेंद्र कुमार मुद्दी का टिकट बदल सुरेश बंसल को दिया है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन में 75 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. दोनों के पास 38–38 सीटें हैं. रायबरेली और अमेठी सहित दो सीट कांग्रेस और 3 सीटें राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के लिए छोड़ी हैं. यूपी में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं. सपा और बसपा ने नए नारे और लोगो से चुनावी अभियान का आगाज किया है. नारे में सपा के चुनाव चिह्न साइकिल के ‘सा’ और बसपा के चुनाव चिह्न हाथी के ‘थी’ को जोड़कर ‘साथी’ बनाया है.’
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यहां भाजपा ने अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) और कांग्रेस ने कृष्णा पटेल की अगुवाई वाली अपना दल पार्टी ने हाथ मिलाया है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (भाएसपी) भी भाजपा की सहयोगी पार्टी है. हाल ही में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 28 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी सीट से चुनाव लड़ेंगे.
गुरुवार शाम जारी सूची के अनुसार लखनऊ से राजनाथ सिंह, अमेठी से स्मृति ईरानी, गाजियाबाद से वीके सिंह, गौतमबुद्धनगर से डॉ. महेश शर्मा, सहारनपुर से राघव लखनपाल, मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान, बिजनौर से कुवंर भारतेंद्र सिंह, मुरादाबाद से कुंवर सर्वेश कुमार, संभल से परमेश्वर लाल सैनी, अमरोहा से कंवर सिंह तंवर, मेरठ से राजेंद्र अग्रवाल, बागपत से सत्यपाल सिंह और अलीगढ़ से सतीश कुमार गौतम को मैदान में उतारा है.
वहीं, मथुरा से हेमा मालिनी, आगरा से एसपी सिंह बघेल, फतेहपुर सीकरी से राजकुमार चाहर, एटा से राजवीर सिंह, बदांयू से संगमित्रा मौर्य, आंवला से धर्मेंद्र कुमार, बरेली से संतोष कुमार गंगवार, शहांजापुर से अरुण सागर, खीरी से अजय कुमार मिश्रा, सीतापुर से राजेश वर्मा, हरदोई से जय प्रकाश रावत, मिसरिख से अशोक रावत, उन्नाव से साक्षी महाराज और मोहनलालगंज से कौशल किशोर को टिकट दिया है.
राहुल गांधी के करीबी जितिन प्रसाद भाजपा में होंगे शामिल!
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबी रहे जितिन प्रसाद आज दिल्ली पहुंचे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि आज शाम तक जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो सकते हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद के परम्परागत धौरहरा सीट से भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ाए जाने की उम्मीदों को बल मिला है। जितिन प्रसाद की पहचान एक युवा नेता के तौर पर होती है। उन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीति में शांतिप्रिय व विकासवादी नेता के रूप में जाना जाता है।
बता दें, गुरूवार को बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की हरदोई, सीतापुर और मिश्रिख़ लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का एलान कर दिया था, लेकिन धौरहरा सीट पर अभी तक उम्मीदवारी शेष है। गौरतलब है कि जितिन प्रसाद शाहजहांपुर, लखीमपुर तथा सीतापुर में लोकप्रिय नेता हैं।
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जितिन प्रसाद ने सबसे पहले 2004 में 14वीं लोकसभा चुनाव में अपने गृह लोकसभा सीट शाहजहांपुर से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2008 में उन्हें केन्द्रीय राज्य इस्पात मंत्री नियुक्त किया गया। 15वीं लोकसभा चुनाव में जितिन प्रसाद ने धौरहरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और 184,509 वोटों से विजयी भी हुए। 2012-2014 तक उन्होंने मानव संशाधन एवं विकास मंत्रालय में केन्द्रीय राज्यमंत्री के तौर पर पदभार संभाल चुके हैं।
राजनीति के पिच पर खेलेंगे गौतम गंभीर, भाजपा में हुए शामिल
पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर अब जल्दी ही राजनीति की नई पारी खेलते हुए नजर आएंगे. उन्होंने एक सादा कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली कार्यालय में आज भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. इस मौके पर केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली और भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने गुलदस्ता भेंट करते हुए गौतम गंभीर का स्वागत किया. गौरतलब है कि दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर 12 मई को मतदान होना है
लंबे समय से गंभीर के भारतीय राजनीति में कदम रखने की संभावनाओं ने जोर पकड़ रखा था. उनके भाजपा में शामिल होने के बाद अब कयास लगाया जा रहा है कि पार्टी गौतम गंभीर को नई दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है. उनके करीबियों ने भी पिछले दिनों इसका संकेत दे दिया था कि वह नई दिल्ली से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. इस सीट से पिछली बार भाजपा की मिनाक्षी लेखी ने भारी अंतर से आप पार्टी के आशीष खेतान को मात दी थी.
भारतीय क्रिकेट टीम में बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाजी के तौर पर गौतम गंभीर ने लंबा सफर तय किया है. उन्होंने अपने एकदिवसीय क्रिकेट की शुरुवात सन 2003 में बांग्लादेश के खिलाफ की थी और अगले ही साल उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था. भारत द्वारा जीते गये दोनों वर्ल्ड कप फाइनल, 2007 वर्ल्ड टी20 और 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप में महत्वपूर्ण इनिंग खेली थी. वह दिल्ली की तरफ से घरेलु क्रिकेट भी खेल चुके हैं और आईपीएल में कोलकाता नाईट राइडर्स को दो बार विजयी बनाने में अहम भूमिका निभाई है.
2009 में आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में वे दुनिया के नंबर 1 बल्लेबाज बने. उसी साल उन्हें आय.सी.सी. टेस्ट प्लेयर ऑफ़ दी इयर के अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था. हाल ही में गौतम गंभीर को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है. उन्हें 2008 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
भाजपा ने जारी की 184 उम्मीदवारों की सूची, पढ़ें किसे कहां से मिला टिकट
लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने के ग्यारहवें दिन भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है, जिसमें 184 नाम शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे जबकि लालकृष्ण आडवाणी का टिकट कट गया है. उनकी परंपरागत गांधीनगर सीट से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह चुनाव लड़ेंगे.
केंद्रीय चुनाव समिति की तीन बैठकों के बाद जारी इस सूची में राजस्थान के 16 नाम शामिल हैं. गंगानगर से निहालचंद मेघवाल, बीकानेर से अर्जुनराम मेघवाल, झुंझुनूं से नरेंद्र खींचड़, जयपुर ग्रामीण राज्यवर्धन राठौड़, जयपुर से रामचरण बोहरा, सीकर से सुमेधानंद सरस्वती, पाली से पीपी चौधरी, जोधपुर से गजेंद्र सिह शेखावत को टिकट मिला है.
जबकि जालौर-सिरोही से देवजी पटेल, अजमेर से भागीरथ चौधरी, उदयुपर से अर्जुनलाल मीणा, चित्तौड़गढ़ से सीपी जोशी, टोंक-सवाई माधोपुर से सुखवीर सिंह जौनपुरिया, भीलवाड़ा से सुभाष बहेड़िया, बारां-झालावाड़ से दुष्यंत सिंह और कोटा से ओम बिरला को मैदान में उतारा गया है.
पढ़ें 184 उम्मीदवारों की पूरी सूची-