Politalks.News/Maharashtra. कोरोना कहर से भंयकर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में इस महामारी पर सियासत भारी है. दरअसल महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में शनिवार की रात जमकर हाइप्रोफाइल ड्रामा हुआ. मुंबई पुलिस ने जीवनरक्षक दवा रेमडेसिविर के इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में एक कारोबारी को हिरासत में लेकर पूछताछ की. इस आरोपी कारोबारी के बचाव में भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस विले पार्ले थाने पहुंच गए और पुलिस पर कारोबारी को नाजायज परेशान करने का आरोप लगाते हुए ठाकरे सरकार को घेरा. जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने फडणवीस को आड़े हाथ लिया और कहा है कि रात 11 बजे देवेन्द्र फडणवीस और प्रवीण दरेकर और भाजपा के दूसरे नेता कारोबारी राजेश डोकानिया की वकालत क्यों कर रहे थे? इसी बीच शिवसेना के मुखपत्र सामना में बीजेपी पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है.
शिवसेना ने सामना में लिखा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच महाराष्ट्र को जीवन रक्षक औषधि रेमडेसिवीर न मिल पाए, इसका पूरा प्रयास राज्य के भाजपाई नेता कर रहे हैं. विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, प्रवीण दरेकर सहित पूरी भाजपा के इस खेल का कल फेसऑफ हो गया मतलब भाजपा के चेहरे से दिखावटी मुखौटा उतर गया. सामना में लिखा कि रेमडेसिवीर औषधि को महाराष्ट्र सरकार की पहुंच से दूर रखने की विपक्षी साजिश का खुलासा उस समय हुआ, जब मुंबई पुलिस ने शनिवार की शाम रेमडेसिवीर इंजेक्शन का निर्माण करनेवाली दवा कंपनी के प्रमुख को पूछताछ के लिए पुलिस थाने तलब कर लिया.
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सामना में कहा गया कि दवा कंपनी के निर्माता को पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने के कुछ ही देर बाद महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, विधानपरिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर, विधायक प्रसाद लाड एवं पराग अलावणी भी बीकेसी पुलिस थाने पहुंच गए, वहां दवा निर्माता कंपनी के प्रमुख को पुलिस थाने बुलाने की वजह पूछने के बहाने विपक्षी नेता पुलिस को धमकाते नजर आए. इतना ही नहीं, इन भाजपाई नेताओं ने काफी देर तक पुलिस से हुज्जत करते हुए सरकारी कार्य में अडंगा डाला.
शिवसेना ने सामना में लिखा कि भाजपा की हमेशा से फितरत रही है कि वह मदद के नाम पर हमेशा अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास करती रहती है, लेकिन दुर्भाग्यवश हर बार उसकी पोल खुल ही जाती है. बताया जा रहा है इससे पहले प्रवीण दरेकर दवा कंपनी के निदेशक से दमन में भी जाकर मिले थे. उस समय उन्होंने ५० हजार इंजेक्शन का ऑर्डर दिया था. सामना में लिखा कि फडणवीस व उनके सहयोगियों ने उक्त रेमडेसिवीर इंजेक्शन में से कुछ महाराष्ट्र के मरीजों के इलाज के लिए राज्य सरकार को देने की चैरिटी के बहाने महाराष्ट्र की आघाड़ी सरकार को बदनाम करने और अपनी राजनीति चमकाने की योजना बनाई थी. दवा कंपनी के निदेशक को पुलिस थाने बुलाए जाते ही विपक्षी नेताओं को उनकी पोल खुलने का डर सताने लगा और वे पुलिस थाने पहुंच गए. पुलिस ने दवा कंपनी के निदेशक को बुलाए जाने की वजह फडणवीस और दूसरे भाजपाई नेताओं को बताई तथा पूछताछ के बाद दवा कंपनी के निदेशक को भी छोड़ दिया. फिलहाल विपक्ष के नेताओं के इस रवैये की लोग जमकर आलोचना कर रहे हैं.
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देवेंद्र फडणवीस का महाराष्ट्र सरकार पर हमला
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला किया. फडणवीस ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की तरफ से एक रेमडेसिविर सप्लायर को डराया गया है. फडणवीस ने कहा कि कुछ दिन पहले बीजेपी नेताओं ने दमन की ब्रुक फार्मा से संपर्क साधा था, जिससे महाराष्ट्र में समय रहते रेमडेसिविर की आपूर्ति हो सके. इस बारे में हमारी तरफ से राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री राजेंद्र शिंगणे को भी बताया गया था और केंद्र सरकार से भी जरूरी इजाजत ली गई थी. लेकिन मैं हैरान रह गया जब पता चला कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन के एक अफसर ने बाकायदा ब्रुक फार्मा सें संपर्क साधा और सिर्फ इसलिए डराया क्योंकि वे बीजेपी नेताओं से मिले थे. फडणवीस ने कहा कि इस प्रकार की राजनीति को स्वीकार नहीं किया सकता.
देवेंद्र फडणवीस के मुताबिक प्रवीण दारेकर और MLC प्रसाद लाड कुछ दिन पहले दमन गए थे और वहां जाकर ब्रुक फार्मा के अफसरों से मिले थे. कंपनी से सिर्फ इतनी अपील की गई थी कि वे रेमडेसिविर का स्टॉक महाराष्ट्र को भेजे. उस समय कंपनी की तरफ से साफ कर दिया गया था अगर राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई तो वे पूरा स्टॉक देने को तैयार हैं. फडणवीस ने कहा कि इस मामले में हम किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं.
ठाकरे सरकार का विपक्ष पर आरोप
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि रात 11 बजे देवेन्द्र फडणवीस और प्रवीण दरेकर और भाजपा के दूसरे नेता कारोबारी राजेश डोकानिया की वकालत क्यों कर रहे थे? इसका खुलासा बीजेपी को करना चाहिए. मलिक ने कहा कि पुलिस महाराष्ट्र के भले के लिए काम कर रही है. उसे रेमडेसिविर के स्टॉक की जानकारी मिली थी. इसी वजह से राजेश को पूछताछ के लिए बुलाया गया. इससे पहले नवाब मलिक केन्द्र सरकार पर आरोप लगा चुके हैं कि मोदी सरकार की तरफ से कुछ रेमडेसिविर सप्लायर पर दवाब बनाया जा रहा है कि वे राज्य को स्टॉक ना भेजे.
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महाराष्ट्र पुलिस का बयान
इस विवाद को लेकर जब एक सीनियर पुलिस अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने इन तमाम आरोपों को ही गलत बता दिया. पुलिस की मानें तो फार्मा कंपनी के डायरेक्टर से सिर्फ स्टॉक के सिलसिले में पूछताछ हुई थी. अधिकारी ने कहा- रेमडेसिविर सप्लाई करने वाली फार्मा कंपनी के एक डायरेक्टर से सिर्फ पूछताछ की गई थी. स्टॉक को लेकर भी कुछ सवाल-जवाब हुए थे.
जानकार सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में पौने पांच करोड़ रुपए की रेमडेसिविर भी जब्त की है. बहरहाल, करीब एक घंटे तक पुलिस स्टेशन में रहने के बाद बाहर निकले देवेंद्र फड़नवीस ने कहा- महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार ने अचानक रात नौ बजे ब्रक फार्मा के एक अधिकारी को हिरासत में ले लिया. यह बहुत ही शर्मनाक घटना है. बताया जा रहा है कि फडणवीस रेमडेसिविर के इंजेक्शन स्टोर किए जाने से इनकार नहीं किया लेकिन कहा कि वे इसे राज्य सरकार को ही देने वाले थे.