Politalks.News/Rajasthan. कोरोना संकट जिस तेजी से फैल रहा उसने केन्द्र और राज्य सरकारों के होश उड़ा दिए हैं. मध्यप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में राज्य सरकारों की ओर से लॉकडाउन लगा दिया गया है. कोरोना वैक्सीन, रेमेडीसविर और ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल जूझ रहे हैं, ऐसे में केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक ऐसा बयान दिया है कि सुनने के बाद किसी भी राज्य सरकार तो क्या आम आदमी को भी गुस्सा आ जाए. पीयूष गोयल ने बयान दिया कि, ‘ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर राज्य सरकारों को अपनी डिमांड नियंत्रण में रखनी चाहिए‘. गोयल के इस बयान को विपक्ष ने आड़े हाथों लिया है तो सोशल मीडिया पर यूजर्स भी गोयल की जमकर खिंचाई कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री गोयल के बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और मनीष तिवारी ने गहरी नाराजगी जताते हुए निशाना साधा है.
आपको बता दें, एक तरफ कोरोना वायरस के इस महाकहर के बीच प्राणवायु ऑक्सीजन की कमी से कई राज्यों में हाहाकार मचा हुआ है, तो दूसरी ओर न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बात करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर राज्यों को अपनी मांग पर नियंत्रण रखना चाहिए, साथ ही उन्होंने कहा है कि कोरोना क़ाबू में करना राज्यों की जिम्मेदारी है, क्योंकि डिमांड के साथ-साथ सप्लाई का मैनेजमेंट महत्वपूर्ण है. गोयल ने कहा कि कोरोना से पहले भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की खपत 1000 से 1200 मीट्रिक टन थी, लेकिन 15 अप्रैल को देश में 4,795 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की खपत हुई है.
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पीयूष गोयल के इस बयान पर विपक्षी दलों ने जमकर हमला बोला है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गोयल के बयान पर नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया कि, ‘कोविड महामारी के मुश्किल समय में केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल के इस संवेदनहीन बयान की मैं निंदा करता हूं, राज्य सरकारें अपने अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई ले रही हैं, ये ऑक्सीजन किसी राज्य सरकार के निजी उपयोग में नहीं आ रही है, सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से अपील करता हूं कि अपने मंत्रियों को पाबंद करें जिससे राज्य सरकारों के साथ मुश्किल समय में अच्छा तालमेल बैठ सके और ऐसी संवेदनहीन बातें राज्यों में परेशान हो रही जनता को ना सुननी पड़ें.’
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वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा- ‘संक्रमण को फैलने से रोकना राज्यों का काम है, जबकि क्रेडिट लेना पीएम का अधिकार है’ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पीयूष गोयल से कहा कि ‘जिम्मेदारी से इस तरह भागना नैतिक रूप से घृणास्पद है.’ तिवारी ने अपने ट्वीट में लिखा- मैं भी सरकार का प्रवक्ता रहा हूं और कभी-कभी ऐसी बातों का बचाव किया है, जिनका बचाव नहीं हो सकता था. वो राजनीतिक था. सीपीआई (एम) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि ‘क्या मंत्री मरीजों से अपनी सांस को सीमित करने के लिए कह रहे हैं या वो बस मर जाएं?” पार्टी ने इसे ‘आपराधिक बेरहमी‘ करार दिया. पत्रकार रोहिणी सिंह ने अपने ट्वीट में पूछा,-फिर पीयूष गोयल की जिम्मेदारी क्या है, पीरामल के साथ डील करना?