आखिर नहीं बचा सके कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज अपनी सरकार को! यहां तक कि इमोशनल कार्ड भी नहीं आ सके काम, ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी पड़ी इतनी भारी, असल में कमलनाथ नहीं लगा सके अंदाजा सिंधिया की ताकत का, वहीं सिंधिया भी हो गए थे अतिमहत्वाकांक्षी, वरना जब कमलनाथ को ही इतने सालों की तपस्या के बाद मिला मुख्यमंत्री का ताज तो थोड़ा इंतजार तो कर सकते थे सिंधिया भी, हालांकि भविष्य में सिंधिया को भारी पड़ेगी यह चूक, सिंधिया ने ना सिर्फ छोड़ी एक पार्टी बल्कि खोया एक दोस्त, परिवार और विश्वास भी