वसुंधरा राजे ने बताया क्या है CAA और कैसे लोगों में इस कानून को लेकर विपक्ष फैला रहा है भ्रम, पटौदी में जनसभा को किया सम्बोधित

1947 में विभाजन के समय नेहरू और लियाकत के बीच हुए समझौते का भारत में तो पालन हुआ लेकिन पाकिस्तान में नहीं, पाकिस्तान में प्रताडित होते रहे काफी लोग अपनी जान बचाकर भारत आये, उनको नागरिकता देने का काम CAA के माध्यम से बीजेपी ने किया है

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी द्वारा देशभर में जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है. इसी के तहत सोमवार को राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया ने हरियाणा के पटौदी में एक जनसभा को संबोधित किया. राजे ने आरोप लगाया है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल भ्रम फैलाकर लोगों को हिसा के लिए उकसा रहे हैं. इससे देशवासियों का आपसी भाईचारा खराब हो रहा है.

जनसभा को संबोधित करते हुए वसुंधरा राजे ने कहा कि सीएए को लेकर देश में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं हमें देखने को मिली हैं. सीएए को लेकर देश में कई जगह प्रदर्शन हुए लेकिन जब प्रदर्शन कर रहे लोगों से पत्रकारों ने पूछा कि सीएए है क्या तो कोई ठीक से जवाब तक नहीं दे पाया. इस कानून को लेकर विपक्ष द्वारा जो भ्रम फैलाया जा रहा है उसको दूर करने के लिए बीजेपी द्वारा जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है जिससे की सही जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाई जा सके और हमारे देश का जो सौहार्दपूर्ण माहौल है वो नहीं बिगडे.

वसुंधरा राजे ने सभा में मौजूद लोगों को सीएए की जानकारी देते हुए बताया कि जो लोग बांग्लादेश, पाकिस्तान व अफगानिस्तान में धर्म को लेकर प्रताडित हुए है. भारत में जो लोग वहां से भागकर आये है या आने की कोशिश कर रहे है चाहे वो हिंदू, जैन, बौद्ध, पारसी धर्म से है उनकों इस कानून के माध्यम से नागरिकता देने का काम किया गया है. इस अधिनियम के द्वारा जिन लोगों को अपने घर लौटने में परेशानी हो रही थी वो लोग अब घर वापस लौट पायेंगे. ऐसे लोगों को हम अब शरणार्थी के रूप में नहीं देश के नागरिक के रूप में सम्मान देने का काम कर रहे है.

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आगे वसुंधरा राजे ने कहा कि 1947 में जब धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ था तो एक तरफ हिंदुस्तान और एक तरफ पाकिस्तान बना था. उस समय हिंदू और मुसलमानों के बीच काफी खून खराबा भी हुआ था, इस बात से दुखी होकर नेहरू और लियाकत के बीच में एक समझौता हुआ था कि दोनों देशो के जो लोग है वो स्वतंत्र रूप से अपने धर्म को अपना सकते है. इससे सभी को लगा अब समझौता हो गया है और सभी इस समझौते से खुश हुए. इस समझौते का भारत में तो पालन हुआ लेकिन पाकिस्तान में नहीं. पाकिस्तान में हिंदू आजादी के बाद प्रताडित होते रहे उनमें से काफी लोग अपनी जान बचाकर भारत आये. जो लोग अपनी जान बचाकर भारत आये है उनको नागरिकता देने का काम इस कानून के माध्यम से बीजेपी ने किया है.

इसके साथ ही वसुंधरा राजे ने कहा कि देश में यह गलत भ्रम फैलाया जा रहा है कि ये कानून किसी के खिलाफ है जबकि यह कानून किसी के भी खिलाफ नहीं है. यह कानून उन लोगों को बचाने के लिए है जो अन्य देशों में प्रताडित होकर भारत में आये हैं. आगे राजे ने कहा कि जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बनी थी तब स्व. अटल बिहारी जी प्रधानमंत्री थे उस समय से मैंने राजस्थान में पाक विस्थापितों के लिए काम करना शुरू किया था और प्रदेश में एक अलग से विभाग विस्थापितों के लिए बनाया था. उस समय हमने प्रदेश में तेरह हजार पाक विस्थापित लोगों को नागरिकता दी थी. जिन लोगों को अभी तक नागरिकता नहीं मिल पायी थी उन लोगों को भी अब सीएए कानून की वजह से नागरिकता मिल पाएगी. राजे ने उपस्थित कार्यकर्ताओं और लोगों से अपील की कि वे घर-घर जाकर इसको लेकर फैलाया जा रहा भ्रम दूर करें.

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वहीं कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि आज कल कांग्रेस और पाकिस्तान दोनों एक दूसरे की भाषा बोल रहे है. पहले कांग्रेस ने 2005 में यह माना था कि विस्थापित बहुत परेशानी में हैं और आज जब विपक्ष में है तो जिन मुददों को लेकर आगे चले थे उनका विरोध कर रहे हैं. यूपीए सरकार के समय 2005 में पाक ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट में यह माना गया था कि वहां हिंदूओं के खिलाफ हिंसा हुई है. इसके बाद भी अनेकों बार हिंदू वहां हिंसा का शिकार हुए जिससे उन्हें प्रताडित होकर वहां से भारत में आना पडा. ऐसे प्रताडित होकर आये नागरिकों को नागरिकता देने के लिए यह कानून लाया गया है. इस कानून को लेकर विपक्षी पार्टियां देश में भ्रम फैला रही है और देशवासियों को गुमराह कर रही है.

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