Gajendra Singh Shekhawat
Gajendra Singh Shekhawat

वॉइस सैंपल को लेकर हाईकोर्ट से मिले नोटिस पर बोले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कहा- वर्ष 2020 में एक दिन में दो मुकदमे होते हैं दर्ज, एक मुकदमा राष्ट्रद्रोह के नाम पर किया जाता है दर्ज, दूसरा मुकदमा भ्रष्टाचार की धारा में एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा किया जाता है दर्ज, राष्ट्रद्रोह की धारा में मुकदमे दर्ज करके पूरे प्रदेश में आप करते है टिप्पणियां, किसी व्यक्ति के चरित्र हनन का करते है प्रयास, उसे राष्ट्रद्रोही ठहरा देते हैं, उसके बाद 20 दिन बाद न्यायालय में कहते हैं कि यह मुकदमा हमने गलती से गलत धाराओं में कर लिया था दर्ज, इसलिए उस मुकदमे को ले लिया जाता है वापस, वर्ष 2020 के जून में एक एप्लीकेशन कोर्ट में की जाती है फाइल, जिस पर सितंबर के महीने में न्यायालय इस टिप्पणी के साथ अपना निर्णय सुनाता है कि न्यायालय को यंत्र बनाकर अपनी अन्य मंशाओं की पूर्ति का प्रयास अभियोजन करवाना चाहता है, इससे बड़ा तमाचा किसी आर्डर में हो नहीं सकता, उससे पहले भी देश के समाचारों में छपवाया जाता है की परमिशन मिली है, इसके दो महीने इंतजार करने के बाद सरकार रिवीजन में भी जाती है, रिवीजन को भी खारिज कर दिया जाता है, इसके बाद 101 दिन तक सरकार करती है इंतजार, तब वेकेशनल बेंच में न्यायाधीश के पास जाकर एप्लीकेशन लगाते हैं, लेकिन एप्लीकेशन लगाने के लिए आप 101 दिन का करते हो इंतजार, तब आपको अर्जेंसी नहीं लगती, अब जाकर अर्जेंसी लगती है, यह सरकारी मशीनरी और तंत्र के दुरुपयोग का है क्लासिक एग्जांपल

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