Politalks.Newe/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बयान जारी करते हुए फिर से स्पष्ट किया है कि राजस्थान में मीना/मीणा मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है, इनमें केवल स्पैलिंग का अंतर है. सीएम गहलोत ने बयान जारी करते हुए बताया कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय में कंपनी प्रॉसीक्यूटर के पद पर भर्ती के लिये विज्ञापन जारी किया है. इसमें #Mina (मीना) जाति वाले अभ्यर्थियों को अनुसूचित जनजाति मानकर आरक्षण के लाभ के लिये योग्य माना गया है जबकि #Meena (मीणा) सरनेम वाले अभ्यर्थियों को योग्य नहीं माना गया है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने स्पष्ट किया कि राजस्थान राज्य में मीना/मीणा दोनों सरनेम वाले लोगों को अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र जारी किये जाते रहे हैं. Mina और Meena के मुद्दे पर माननीय उच्च न्यायालय में भी कई रिट याचिकायें डाली गईं जिस पर मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार ने माननीय न्यायालय में शपथ पत्र देकर स्पष्ट किया गया कि मीना/मीणा दोनों एक ही जाति हैं, इनमें केवल स्पैलिंग का अंतर है.
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सीएम अशोक गहलोत ने आगे कहा कि राजस्थान सरकार ने मीना/मीणा विवाद के संदर्भ में राज्य सरकार की स्थिति साफ करते हुये केंद्र सरकार द्वारा स्पष्टीकरण जारी करने के लिये 2018 में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय को पत्र लिखा था जिसका केंद्र सरकार ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि चूंकि राजस्थान में इस मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है, राजस्थान सरकार केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण जारी कर मीना और मीणा एक ही मान इस विवाद को खत्म करने के लिये फिर से पत्र लिखेगी.