वित्त मंत्री के बयान के बाद कांग्रेस ने जारी किया ‘कैफे निर्मला ताई’ का बिना प्याज वाला मेन्यू, एक ने कहा, ‘शुक्र है आप सांस लेतीं हैं वरना…

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के प्याज वाले बयान का उड़ रहा मजाक, किसी ने दी केक खाने की सलाह तो कोई बोला 'मैं भी उस परिवार से हूं जहां पेट्रोल-डीजल नहीं पीता जाता'

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजनीति में कब क्या हो जाए और हंसी हंसी में कब बात का बतंगड़ बन जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. ऐसा ही एक ताजा विषय इन दिनों चल रहा है, वो है ‘प्याज’. प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं, ये बताने की जरूरत नहीं लेकिन लोकसभा में कैसे मजाक मजाक में ये विषय ‘प्याज पॉलिटिक्स’ में बदल गया, ये जानना रोचक है. दरअसल, लोकसभा में एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने किसान और प्याज (Onion Crisis) का मुद्दा उठाया. इस पर जवाब देने के लिए जैसे ही वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) उठी तो सदन में से किसी सांसद ने उनके पूछ लिया ‘क्या आप प्याज खाती हैं?’ इस पर वित्तमंत्री ने मजाकिया अंदाज में जवाब देते हुए कह दिया, ‘चिंता न करें. मैं इतना लहुसन, प्याज नहीं खाती क्योंकि मैं ऐसे परिवार से आती हूं जहां प्याज-लहुसन का ज्यादा मतलब नहीं है’. बस फिर क्या था, उनकी इसी बात पर सदन में बहस छिड़ गई और अब ये एक सियासी मुद्दा बन गया.

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वित्तमंत्री के सदन में कहे कथन पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए सोशल मीडिया पर ‘कैफे निर्मला ताई’ का मेन्यू पोस्ट कर दिया. इस मेन्यू की हर डिश यानि फ्रेंच ऑनियन सूप, ओनियन उथपम, प्याज कचौरी, लहसुन की चटनी और चिली गार्लिक नूडल्स से प्याज गायब है. ट्वीट में लिखा, ‘यहां जो भी परोसा जाता है उसमें अहंकार का दंभ है. एक चुटकी की अज्ञानता, अक्षमता का ढेर लगाती है’. (Onion Crisis)

इस बहस में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम कहां पीछे रहने वाले थे. उन्होंने चुटकी लेते हुए पूछा कि क्या निर्मलाजी एवोकैडो खाती हैं? ये एक तरह का हरे रंग का फल होता है. इस पर पलटवार करते हुए निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कांग्रेस पर हमला कर दिया. उन्होंने पुराना बयान याद दिलाते हुए पी.चिदंबरम पर बिना नाम लेते हुए निशाना साधते हुए बताया कि 2012 में जब महंगाई चरम पर थी, तब के एक वित्त मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि कहा था, ‘जब शहरी मध्यम वर्ग 15 रुपये में मिनरल वॉटर की बॉटल और 20 रुपये की आइसक्रीम खरीद सकता है तो महंगाई पर इतना शोर क्यों मचाते हैं.’

इस पर सपा सांसद आजम खान ने तंज कसते हुए कहा, ‘प्याज खाना बंद कर दो, इसके खाने की क्या मजबूरी है. हमारे जैन भाई भी नहीं खाते. प्याज, लहसुन, मांस खाना बंद कर दो, सब कुछ बच जाएगा’. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक रानी एक एक बार कहा था उनके पास रोटी नहीं है तो उन्हें केक खाने दो.

सोशल मीडिया पर एक यूजर का जिक्र करना भी काफी जरूरी है. रवि नायर नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने एक ट्वीट कर लिखा, ‘शुक्र है भगवान का कि निर्मला सीतारमण पानी पीती हैं और सांस लेती हैं, वर्ना उन्होंने बोला होता कि मैं पानी नहीं पीती और सांस नहीं लेती इसलिए मुझे चिंता नहीं है कि लोगों को साफ हवा और पानी नहीं मिल रहा है’.

कवि डॉ.कुमार विश्वास ने भी सोशल मीडिया पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं ऐसे परिवार से हूं जहां पेट्रोल नहीं पिया जाता इसलिए पेट्रोल के दाम बढ़ने से मुझको कोई परेशानी नहीं है’.

इस मुद्दे पर कांग्रेस के वायनाड सांसद राहुल गांधी भी तीखे तेवरों में दिखे. उन्होंने कहा कि किसी ने वित्त मंत्री यह यह नहीं पूछा कि वे क्या खाती हैं, बल्कि लोग जानना चाहते हैं कि अर्थव्यवस्था संकट में क्यों है और प्याज की कीमतें आसमान में क्यों जा रही हैं? (Onion Crisis)

इस लिस्ट में आप पार्टी के नेता संजय सिंह का नाम भी शामिल हैं जिन्होंने ट्वीट पोस्ट करते हुए लिखा, ‘वाह रे वित्त मंत्री जी, आप प्याज़ नही खातीं शायद इसीलिये आपकी सरकार ने 32 हज़ार टन प्याज़ सड़ा दी लेकिन देश की करोड़ों जनता प्याज़ रोटी से अपना पेट भरती है. उन्होंने ट्वीट के आखिर में लिखा ‘जनता का निकला दिवाला, प्याज़ घोटाला प्याज़ घोटाला’.

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