पॉलिटॉक्स ब्यूरो. नागरिकता संशोधन कानून का विरोध ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा. राजधानी दिल्ली, अलीगढ़ और पटना सहित कई राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कानून का विरोध अनवरत जारी है. रविवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Violence) के पास विरोध कर रहे कुछ उपद्रवियों ने 8 वाहन फूंक दिए और पथराव किया. जामिया के बाद मंगलवार को दिल्ली के सीलामपुर और जाफराबाद में भी पत्थरबाजी, आगजनी और तोड़फोड की घटना सामना आई है. पुलिस उपद्रवियों को खदेड़ रही है. मेट्रो स्टेशन के 7 गेट बंद कर दिए गए हैं.
अब इस मामले को (Jamia Violence) सिसासी जामा पहनाने की कोशिश साफ तौर पर नजर आ रही है. वजह रही कि उपद्रव बढ़ते देख पुलिस ने जामिया यूनिवर्सिटी में घुसकर छात्रों पर जमकर लाठीचार्ज किया जिसमें 100 से अधिक छात्र घायल हो गए. बताया जा रहा है कि मामले में 10 लोगों की गिरफ्तारी हुई है लेकिन उनमें से कोई भी छात्र नहीं है, जो गौर करने लायक है. अब राजनीतिक दल इसे चुनावी मुद्दा बनाते हुए दिख रहे हैं. इस मामले में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को जिम्मेदार बताते हुए असामाजिक तत्व और पुलिस की मिलीभगत का आरोप लगाया. वहीं बीजेपी ने आप विधायक और मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.
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जामिया हिंसा (Jamia Violence) को अब राजनीतिक रंग देने की कोशिश तेज होने लगी है. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया जहां सोशल मीडिया पर इसे गृह मंत्रालय के इशारे पर दिल्ली पुलिस द्वारा संरक्षित कारनामा बता रहे हैं, वहीं बीजेपी इसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारे पर दंगा कराने की साजिश बता चुकी है. दंगे में आप विधायक अमानतुल्ला खान के शामिल होने की बात भी बताई जा रही है. वहीं सीएम केजरीवाल ने राजधानी में शांति बहाली के लिए गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा है.
दरअसल ये बवाल नागरिकता संशोधन कानून को लेकर किया जा रहा है. अब ध्यान देने योग्य बात ये है कि छात्रों को इस कानून का विरोध करने से क्या लाभ लेकिन जिस तरह इस बवाल को तूल दिया जा रहा है, उसमें जालिया हिंसा की आग में जल रहा है. भाजपा आरोप लगा रही है कि आप नेता अमानतुल्लाह ने प्रदर्शनकारियों को भडकाया है. इस पर आप विधायक ने सफाई दी कि उनके नेतृत्व में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया जा रहा था और वे हिंसा वाली जगह से काफी दूर थे.
इस राजनीति को गति तो तब मिली जब दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए भाजपा और दिल्ली पुलिस को इसका जिम्मेदार बताया. उन्होंने एक वीडियो ट्वीटर पर पोस्ट करते लिखा, ‘दिल्ली में भाजपा आग लगवा रही है. यह आग पुलिस के संरक्षण में लगवाई जा रही है. आम आदमी पार्टी हिंसा में विश्वास नहीं रखती, ये तो भाजपा की संस्कृति है’. इस वीडियो में पुलिस के हाथों में एक कैन है जो जलती हुई आग पर पानी डाला जा रहा है.
ये फ़ोटो देखिए.. देखिए कौन लगा रहा है बसों और कारों में आग.. यह फ़ोटो सबसे बड़ा सबूत है बीजेपी की घटिया राजनीति का… इसका कुछ जवाब देंगे बीजेपी के नेता .. pic.twitter.com/8HvHC8epwn
— Manish Sisodia (@msisodia) December 15, 2019
हंगामे पर (Jamia Violence) दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने सफाई देते हुए कहा कि पुलिस द्वारा आग लगाने की बात पूरी तरह झूठी है. जब भीड़ आग लगा रही थी तो पुलिस लोगों से पानी मांगकर आग बुझाने का काम कर रही थी. दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने भी इस बात की पुष्टि की है.
वहीं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारे पर आप का विधायक जनता को भडका रहा है. भारत का मुसलमान देश के साथ है और किसी के बहकावे में आने वाला नही है. आम आदमी पार्टी का असली चेहरा सामने आ रहा है.
जामिया हिंसा पर दिल्ली के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुभाष चोपड़ा का कहना है कि हम केंद्र सरकार के इस हिटलरशाही फरमान का विरोध करते हैं. हिंसा की मैं निंदा करता हूं. उन्होंने दिल्ली की जनता से शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखने की अपील की.