देश की GDP में आजादी के बाद सबसे बड़ी गिरावट की संभावना, राहुल गांधी बोले ‘मोदी है तो मुमकिन है’

इन्फोसिस के को-फाउंडर एन.नारायण मूर्ति ने जताई आशंका तो केंद्र सरकार पर हमलावर हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष, मनरेगा और न्याय व्यवस्था जैसी योजनाओं को शुरु करने की सलाह

Rahul Gandhi On Gdp
Rahul Gandhi On Gdp

PoliTalks.news/Delhi. मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था का ग्राफ दिन-ब-दिन नीचे की ओर गिरता ही जा रहा है. हालांकि इसके लिए कोरोना काल को जिम्मेदार माना जा सकता है लेकिन लॉकडाउन खुलने के दो महीने के बाद भी सुधान नहीं हो पा रहा. इसी बीच इन्फोसिस के को-फाउंडर एन.नारायण मूर्ति ने आशंका जताई है कि इस बार आजादी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट GDP में दिखेगी. इसी बयान के बूते अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने इस बयान के हवाले से कहा, ‘मोदी है तो मुमकिन है‘. (Modi Hai to Mumkin Hai)

दरअसल, कोरोना काल से पहले ही भारत की जीडीपी में गिरावट देखने को मिल रही थी. कोरोना काल में लॉकडाउन और उद्योग धंधे बंद होने से इस पर और भी झटका लग गया. दुनिया की कई एजेंसियों ने भारत की जीडीपी में 9 फीसदी तक की गिरावट की बात कही थी, जो देश में आजादी के बाद अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी गिरावट है. जीडीपी पर राहुल गांधी पहले भी कई बार केंद्र की मोदी सरकार को घेर चुके हैं. इसी बीच एन.नारायण मूर्ति का बयान आ गया जिससे कोरोना और चीन पर हो रही राजनीति का रूख फिर से एक बार बदल जीडीपी पर आ गया.

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गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार कोरोना संकट और अर्थव्यवस्था के मसले पर केंद्र सरकार को घेरते आए हैं. राहुल गांधी लगातार ट्वीट कर, वीडियो साझा कर और एक्सपर्ट्स से बात कर केंद्र पर निशाना साध रहे हैं. हाल ही में यूथ कांग्रेस की ओर से ‘रोजगार दो’ कैंपेन चलाया गया था. इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस दौरान केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल दो करोड़ नई नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन अब तक 14 करोड़ लोग अपनी नौकरियां गंवा चुके हैं. इस सबके लिए मोदी सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं.

हाल में राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार से शहर में बेरोज़गारी की मार से पीड़ितों के लिए मनरेगा जैसी योजना और देशभर के ग़रीब वर्ग के लिए न्याय व्यवस्था लागू करने को कहा था. राहुल ने कहा कि ये अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद होगा. साथ ही सवाल करते हुए लिखा, ‘क्या सूट-बूट-लूट की सरकार ग़रीबों का दर्द समझ पाएगी?’

बता दें कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता है. भारत में भी एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट पर रोक लगी है. इंटरनेशनल प्लाइस्ट काफी हद तक बंद हैं. ऐसे में देश का बाजार और कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है. लॉकडाउन खुलने के बाद अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर आ रही है लेकिन बेरोजगारों की भारी तादात और मध्यम आकार के उद्योग धंधे बंद होने से स्पीड नहीं पकड़ रही. ऐसे में जीडीपी 9 फीसदी की जगह 4.5 फीसदी होने में भी लंबा समय लगने की आशंका जताई जा रही है.

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