पहलगाम आतंकी हमले और जवाबी कार्रवाई में भारत के हमले के बाद पाकिस्तान बैकफुट पर है. सीजफायर की घोषणा हो चुकी है. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन देते हुए कहा कि पड़ौसी देश से आगामी वार्ता में पीओके और आतंकवाद पर बात होगी. इस पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी अपने संबोधन में ट्रंप के मध्यस्थता वाले बयान को लेकर चुप रहे. विपक्ष ने कहा कि क्या भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता को स्वीकार कर लिया है और क्या अमेरिका के कहने पर वह पाकिस्तान के साथ किसी तीसरे देश में वार्ता के लिए सहमत हो गया है. पीएम मोदी की बयान पर चुप्पी सियासी गलियारों में तूल पकड़ रही है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक पोस्ट में लिखा, ‘प्रधानमंत्री का लंबे समय से टलता आ रहा राष्ट्र के नाम संबोधन राष्ट्रपति ट्रंप के कुछ मिनट पहले किए गए खुलासों से पूरी तरह दब गया. प्रधानमंत्री ने उन पर एक शब्द भी नहीं कहा.’ जयराम रमेश ने सवाल उठाया है कि क्या भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है? क्या भारत पाकिस्तान के साथ वार्ता के लिए किसी तटस्थ स्थल पर सहमत हो गया है? क्या अब भारत अमेरिका की इन मांगों को मान लेगा कि वह ऑटोमोबाइल, कृषि और अन्य क्षेत्रों में अपने बाजार खोल दे? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को अभी भी बहुत कुछ जवाब देना है. साथ ही कांग्रेस नेता ने सर्वदलीय बैठक की मांग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को तुरंत सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक करनी चाहिए, जो उन्होंने पिछले बीस दिनों में टाला है.
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वहीं कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से कुछ देर पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का एक वक्तव्य आया जो बहुत व्यथित करने वाला है. इस वक्त अपने सभी भारतीय नागरिकों को चौंका दिया है.’ खेड़ा ने कहा कि उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में राष्ट्रपति ट्रंप के वक्तव्य का करारा और त्वरित जवाब देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
पीएम ने किया राष्ट्र को संबोधित
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ सिर्फ उसके कब्जे वाले कश्मीर और आतंकवाद पर बातचीत होगी. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि आतंकवाद और वार्ता की साथ नहीं चल सकते तथा पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकते. आज हर आतंकवादी और आतंकवादी संगठन यह जान गया है कि हमारी मां-बेटियों के माथे से सिंदूर मिटाने का क्या अंजाम होता है.
पीएम के संबोधन से कुछ देर पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनोल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को व्यापार बंद करने की धमकी थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष रुका सका. उन्होंने व्हाईट हाउस में कहा कि भारत की संस्कृति में कभी सिंदूर के साथ सौदा संभव नहीं है लेकिन व्यापार को हथियार बनाकर उन्होंने भारत से ऑपरेशन सिंदूर रुकवाया. ट्रंप ने कहा कि अगर आप इसे रोकते हैं, तो हम व्यापार कर रहे हैं. अगर आप इसे नहीं रोकेंगे तो हम कोई व्यापार नहीं करेंगे. लोगों ने कभी भी बिजनेस का उस तरह से इस्तेमाल नहीं किया जैसा मैंने किया. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाली परमाणु जंग रोक दी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर पीएम मोदी की चुप्पी पर अब विपक्ष सवाल उठाने लगा है. हालांकि पाक पर भारत की जवाबी कार्रवाई से देशभर में खुशी की लहर है. इसी का उत्साह मनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी 13 से 25 मई के बीच देशभर में तिरंगा यात्रा निकालने जा रही है. 10 दिवसीय इस राष्ट्रव्यापी यात्रा का उद्देश्य हाल में सफल रहे ऑपरेशन सिंदूर की उपलब्धियों को हर नागरिक तक पहुंचाना है.