आज लोकसभा में जैसे ही वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पड़ना शुरू किया वैसे ही उन्होंने इतिहास रचना शुरू कर दिए. इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए निर्मला सीतारमण के माता-पिता भी संसद भवन में मौजूद रहे. इससे पहले मोदी सरकार में जब निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्री बनी थीं. उस पद पर भी वो पहली पूर्णकालिक रक्षा मंत्री थीं. बतौर रक्षा मंत्री सरकार के भरोसे पर खरा उतरीं.
शायद यही वजह रही कि उनकी लगन और उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि देखते हुए मोदी सरकार ने वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी है, जिसकी पहली परीक्षा आज होने वाली है.
दरअसल निर्मला सीतारमण देश की दूसरी महिला हैं जो लोकसभा में बजट पेश कर रही हैं. 49 साल पहले 1970 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने पहली ऐसी भारतीय महिला होने का गौरव पाया था जिन्होंने लोकसभा में बजट पढ़ा था.
हालांकि निर्मला सीतारमण और इंदिरा गाँधी में केवल एक ही फर्क है कि निर्मला सीतारमण ने पूर्णकालीन वित्तमंत्री होते हुए बजट पड़ा है और इंदिरा गाँधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए. उन्होंने केवल वित्तमंत्री का अतिरिक्त प्रभार लेते हुए यह जिम्मेदारी वहन की थी.
एक और रिकॉर्ड निर्मला सीतारमण के नाम दर्ज हुआ है. पिछली मोदी सरकार में वित्तमंत्री रहे अरुण जेटली ने खराब तबीयत की वजह से जब मंत्री पद को ठुकरा दिया तो निर्मला सीतारमण को देश की पहली महिला पूर्णकालिक वित्त मंत्री बनने का गौरव हासिल हुआ. सीतारमण पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री हैं जो बजट पेश कर रही हैं.
निर्मला सीतारमण ने 2004 में बीजेपी से जुड़कर अपने सियासी सफर का आगाज किया था. उससे पहले 2003 में वे राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य थीं. बीजेपी में शामिल होने के 6 साल बाद 2010 में वो पार्टी की प्रवक्ता बनी. 26 मई, 2014 में जब मोदी सरकार बनी तो उन्हें वित्त राज्य मंत्री और उद्योग-वाणिज्य राज्यमंत्री बनाया गया.
3 सितंबर, 2017 को उन्हें रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई जिस पर वो पहले टर्म के आखिर तक बनी रहीं. अब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है.