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केंद्रीय विधि एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को तीन तलाक विधेयक लोकसभा में पेश किया. इस बिल पर जब बहस चल रही थी, उसी समय बीजेपी की सांसद मीनाक्षी लेखी और सपा सांसद अखिलेश यादव में तीखी नोकझोंक हो गयी. अपने संबोधन में बार-बार टोके जाने पर नाराज मीनाक्षी लेखी ने सीधे-सीधे अखिलेश यादव पर आरोप लगाते हुए यूपी में मुस्लिम महिलाओं की दयनीय स्थिति के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराया.

मिनाक्षी ने भरे सदन में कहा कि अखिलेश यादव ने अगर अपने कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के अंदर शरिया अदालतें बंद कर दी होती तो वहां की महिलाओं के साथ अन्याय नहीं हुआ होता. उन्होंने कहा कि महिलाओं से अन्याय का सबसे मुख्य कारण वे शरिया अदालते हैं, जो इनके समय चलती रहीं. मुख्यमंत्री थे ये. किस तरह के मुख्यमंत्री थे ये जो मुस्लिम महिलाओं के हकूकों को नहीं बचा सके.

उनकी बात सुनकर अखिलेश यादव गुस्सा हो गए. वह अपनी सीट से उठकर मिनाक्षी लेखी से बहस करने लगे. इस दौरान लोकसभा में उपस्थित सपा सांसदों ने भी हंगामा करना शुरू कर दिया. इस पर स्पीकर ने उन्हें शांत करते हुए कहा कि वह अपनी बारी आने पर बात रखें. अखिलेश यादव फिर भी नहीं माने और अपनी सीट से खड़े होकर विरोध जताने लगे. स्पीकर के समझाने के बाद वे अपनी सीट पर बैठे.

इससे पहले मीनाक्षी लेखी ने कहा कि PM मोदी देश के प्रधानमंत्री होने का हक अदा कर रहे हैं जो जवाहर लाल नेहरू के बाद राजीव गांधी ने नहीं अदा किया था. विपक्ष मानता है कि हिंदू पीएम मोदी मुस्लिम महिलाओं का भाई नहीं हो सकते.

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