पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. चलते सत्र में रालोपा के दो विधायकों पुखराज गर्ग और इंदिरा देवी बावरी के खिलाफ नागौर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर भाजपा ने सोमवार को विधानसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया. जिस पर स्पीकर सीपी जोशी ने माना कि विधायकों को चलते सत्र में पूछताछ के लिए बुलाना सदन के निर्देशों का साफ उल्लंघन है. इसके साथ ही जोशी ने कहा इस मामले में सरकार के वर्सन के बाद वो इस पर निर्णय लेंगे. इस पर रालोपा के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट करते हुए स्पीकर सीपी जोशी से दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के किए सरकार को निर्देश देने के लिए कहा है.
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि जिस तरह दलित महिला विधायक और रालोपा के प्रदेश अध्यक्ष व भोपालगढ़ विधायक की गरिमा को पुलिस के अधिकारियों ने जानबूझकर ठेस पहुंचाई है उसकी लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई जगह नहीं है. किसी को भी आरोपी कहना केवल न्यायालय का अधिकार है, ऐसे में नागौर एसपी और सीआईडी सीबी के अधिकारी के निर्देश पर नागौर कोतवाली के थाना अधिकारी ने जिस भाषा का इस्तेमाल नोटिस में किया उससे यह जाहिर हो रहा है की विधायकों के प्रोटोकॉल व गरिमा को तार तार किया गया है.
सांसद बेनीवाल ने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को ट्वीट कर लिखा, सीपी जोशी जी आप संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के दायित्व का निर्वहन करते हुऐ निष्पक्ष रूप से आज सदन में रालोपा के दोनों विधायकों का पुलिस के अफसरों द्वारा किए गए अपमान की बात को समझा. आप सम्बंधित पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्यवाही के राजस्थान सरकार को निर्देश देवें.
श्री @drcpjoshi जी,आप संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के दायित्व का निर्वहन करते हुऐ निष्पक्ष रूप से आज सदन में @RLPINDIAorg के दोनों विधायको का @PoliceRajasthan के अफसरों द्वारा किए गए अपमान की बात को समझा,आप सम्बंधित पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्यवाही के @RajGovOfficial को निर्देश देवे
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) March 2, 2020
वहीं दूसरा ट्वीट कर लिखा, माननीय सीपी जोशी नागौर एसपी, कोतवाल नागौर और सीआईडी सीबी की आईओ को निलंबित करने के निर्देश राजस्थान सरकार को प्रदान करें ताकि निकट भविष्य में किसी भी दल के माननीय विधायक का अपमान सरकारी अफसर नहीं कर सके और राजस्थान विधानसभा की गरिमा का अपमान होने से बच सके.
माननीय @drcpjoshi नागौर एसपी,कोतवाल नागौर और सीआईडी सीबी की आईओ को निलंबित करने के निर्देश @RajGovOfficial को प्रदान करे ताकि निकट भविष्य में किसी भी दल के माननीय विधायक का अपमान सरकारी अफसर नही कर सके और राजस्थान विधानसभा की गरिमा का अपमान होने से बच सके !
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) March 2, 2020
बता दें, अगस्त 2019 में नागौर जिला मुख्यालय के समीप हाइकोर्ट के निर्देशानुसार बंजारा बस्ती को हटाया जा रहा था. उस समय भोपालगढ़ से रालोपा विधायक पुखराज गर्ग तथा मेड़ता विधायक इंदिरा देवी बावरी ने मौके पर कई मांगो को लेकर प्रदर्शन किया था. इस पर पुलिस ने राजकार्य में बाधा डालने का दोनों पर मुकदमा दर्ज किया. हाल ही में विधानसभा सत्र चलने के दौरान नागौर कोतवाली थाना अधिकारी द्वारा दोनों विधायकों के घर नोटिस चस्पा कर मंगलवार को आईजी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया.
इस पूरे मामले को लेकर सोमवार को विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया और विधायक इंदिरा देवी बावरी, पुखराज गर्ग, नारायण बेनीवाल द्वारा पुलिस के द्वारा नोटिस चस्पा किये जाने की कड़े शब्दों में निंदा की गई. विधायक इंदिरा देवी बावरी ने कहा की पुलिस ने उनके छोटे बच्चों को धमकाया वहीं विधायक पुखराज गर्ग ने कहा कि बंजारा बस्ती प्रकरण में वो केवल पुनर्वास करने की मांग के उद्देश्य से वहां गए थे जिस पर नागौर उपखण्ड अधिकारी ने उन्हें अपशब्द कहकर अपमानित किया. विधायक नारायण बेनीवाल ने कहा कि उस समय दोनों विधायकों ने एसडीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया उसको विधानसभा के दखल के बाद 31 दिनों बाद दर्ज किया गया और दोनों विधायकों के बयान दर्ज किए बिना ही मामले में एफआर लगा दी गई.
विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने पूरे मामले को सुनने के बाद कहा कि इस पूरे मामले पर सरकार का क्या वक्तव्य है यह देखने के बाद विशेषाधिकार हनन के मामले पर फैसला करूँगा. इसके साथ ही जोशी ने कहा कि मैं इससे सहमत नहीं हूं की सदन चलते समय विधायकों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया जाये. साथ ही जोशी में इस दौरान मेड़ता विधायक की तरफदारी करते हुए कहा कि जिस वर्ग से वो आती है और जिस संघर्ष के साथ वो विधायक बनी है उनके साथ ऐसा बर्ताव सही नहीं है.
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