Politalks.News/Rajasthan. 2023 के विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर भारतीय जनता पार्टी का कुंभलगढ़ में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर बुधवार को सम्पन्न हो गया. वहीं राजस्थान की बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था को लेकर कुंभलगढ़ में मीडिया से बातचीत में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि राजस्थान में पहली बार ऐसी सरकार देखी है, जिसका इकबाल खत्म हो गया है, ऐसे हालात प्रदेश के बने हुए हैं, जहां कोई भी सुरक्षित नहीं है.
सतीश पूनियां ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस शासनकाल में ढाई वर्षों में जो परिस्थितियां बनी हैं उसमें 5.50 लाख से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि दलितों के प्रति राज्य की कांग्रेस सरकार का जो नजरिया है, उसे लगता है कि दलित उत्पीड़न का निराकरण इस सरकार की प्राथमिकता में नहीं है. पूनियां ने कहा मॉब लिंचिंग को लेकर राज्य सरकार कानून तो लेकर आई, लेकिन उसे प्रभावी रूप से लागू नहीं करके, उसमें भी तुष्टीकरण करती है.
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मॉब लिंचिंग को लेकर कांग्रेस सरकार की परिभाषा अलग-अलग
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहलू खान के बारे में तो अशोक गहलोत, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चिंता करते हैं, हाथरस की चिंता करते हैं, लेकिन झालावाड़ के कृष्णा बाल्मीकि की चिंता नहीं करते, इसी तरह अलवर में हरीश जाटव की मॉब लिंचिंग में हत्या कर दी गई, उनकी चिंता नहीं करते और अब योगेश जाटव की कोई चिंता नहीं की, ना ही पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए अशोक गहलोत सरकार प्रयास कर रही है.
पूनियां ने आगे मांग करते हुए कहा कि योगेश जाटव के परिजनों की मांगों पर सरकार को विचार कर जल्द उन्हें पूरा करना चाहिए, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए, उचित मुआवजा दिया जाए और हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी हो, जिन्हें कड़ी सजा दी जाए.
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अब राहुल- प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से मिलने राजस्थान क्यों नहीं आ रहे ?
सतीश पूनियां ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हर कहा कि योगेश जाटव की मॉब लिंचिंग में हत्या ने साबित कर दिया है कि कांग्रेस सरकार कानून व्यवस्था के मामले में नकारा और निकम्मी है. जो नौटंकी और पाखंड राहुल गांधी और प्रियंका गांधी करते हैं, राजस्थान उनका अपना कांग्रेस शासित राज्य है यहां आकर योगेश जाटव के परिजनों के आंसू क्यों नहीं पोंछ रहे हैं?