अब वित्तमंत्री के पति ने माना देश की अर्थव्यवस्था की हालत खराब, दो धड़ों में बंटा सोशल मीडिया

सोशल मीडिया पर आज की हलचल

देश में लंबे समय से विपक्ष लगातार सत्ताधारी मोदी सरकार पर गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर निशाना साध रहा है लेकिन न तो सरकार और न ही खुद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने ये बात मानी कि अर्थव्यवस्था की हालत सोचनीय है. वित्तमंत्री ने तो यहां तक कहा कि भारत के हालात अन्य देशों की तुलना में काफी बेहतर हैं. यही नहीं उन्होंने ओला-उबर, यूज मेटेरियल आदि को देश में छाई मंदी की असली वजह तक बता दी. इसी बीच कुछ ऐसा हुआ कि सोशल मीडिया भी दो धड़ों में बंट गया. दरअसल निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के पति और एक अर्थशास्त्री डॉ.परकला प्रभाकर (Parakala Prabhakar) ने ये माना है कि अर्थव्यवस्था (Economy) की हालत खराब है.

एक समाचार पत्र के लिए प्रभाकर के एक लेख में उन्होंने लिखा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत खराब है. देश में आर्थिक सुस्ती है और लोग इसे लेकर चिंतित हैं. कई क्षेत्रों के जारी डेटा से पता चल रहा है कि उनकी स्थिति खस्ताहाल है लेकिन सरकार इसे मानने के बजाय लगातार नकार रही है. और मोदी सरकार के पास इस संकट से निपटने के लिए कोई रोडमैप नहीं है. इसे सुधारने के लिए सकरार को मनमोहन सिंह और पीवी नरसिम्‍हा राव के आर्थिक मॉडल को अपनाना चाहिए.’ बता दें, परकला प्रभाकर ने कुछ महीने पहले आन्ध्र प्रदेश सरकार के संचार सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया था.

अब परकला प्रभाकर के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है. यहीं नहीं, एक धड़ा प्रभाकर के पक्ष में तो दूसरा वित्तमंत्री के बचाव में आ खड़ा हुआ. मामला कुछ इस कदम वायरल हुआ कि वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त, शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी और कांग्रेसी नेता मदन मोहन झा तक ने सोशल मीडिया पर कमेंट किया. इस मुद्दे पर अब जनरल यूजर्स ने भी ट्विट करना शुरू कर दिया है.

डॉ.प्रभाकर के लेख पर आपत्ति जताते हुए वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने ट्वीट कर लिखा, ‘निर्मला सीतारमण के पति द्वारा लिखे गए लेख से मुझे काफी दुख पहुंचा है जिसमें निर्मला सीतारमण के पति ने अर्थव्यवस्था पर उन्हें शर्मिंदा कराया है. पति-पत्नी के विचार समान नहीं होते और महिलाओं को उनके पति के विचार के खिलाफ बेंचमार्क नहीं किया जाता. कृपया स्वतंत्र रूप से निर्मला सीतारमण का मूल्यांकन और आलोचना करें.’

वहीं शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रभाकर का पक्ष लेते हुए कहा, ‘लोकतंत्र में हर किसी को अपनी राय रखने का अधिकार है और इससे संबंधित लोगों के बीच सहमति होना जरूरी नहीं है. मुझे यह देखने काफी आर्श्चय हो रहा है कि कैसे उनका मजाक उड़ाया जा रहा है.’

कांग्रेस नेता मदन मोहन झा ने ट्वीट कर लिखा, ‘वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के पति अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर बीजेपी सरकार को राव-मनमोहन सिंह मॉडल अपनाने की सलाह देते हुए आर्थिक मंदी को लेकर केंद्र सरकार की खिंचाई की है. अभी भी समय है. मुझे यकीन है अगर सरकार रचनात्मक सुझाव लेना चाहे तो मनमोहन सिंह जरूर सहयोग करेंगे.’

एक जनरल यूजर ने बरखा दत्त के ट्वीट पर पलटवार करते हुए लिखा, ‘आपने इसे पति-पत्नी के मुद्दे के रूप में क्यों लिया? वह देश की वित्तमंत्री हैं और परकाल प्रभाकर इस सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना कर रहे थे जिसके लिए निर्मला सीतारमण जवाबदेह हैं. लोग अर्थव्यवस्था पर चिंता जता रहे हैं. यहां नारीवादी दृष्टिकोण को मत लाइए.’

डॉ.प्रभाकर के लेख पर आल इंडिया महिला कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘वित्तमंत्री के पति और राजनीतिक अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर ने मंदी के कारण मोदी सरकार पर निशाना साधा. राव-मनमोहन सिंह मॉडल को गले लगाने के लिए कहा. अब वे उसे क्या कहेंगे — टुकडे टुकडे गिरोह? वे उसे कहां भेजेंगे — पाकिस्तान?

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