पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना संकट के इस समय में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की शुरू से सोच यह रही है कि प्रदेश में कोई भी भूखा नहीं सोए. इसी सोच को आगे बढाते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने सोमवार को ‘कोई भूखा ना सोए‘ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए प्रदेश केे नगरीय क्षेत्रों में ‘इंदिरा रसोई योजना’ की शुरूआत करने की घोषणा की है. इस योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को दो समय का शुद्ध पौष्टिक भोजन रियायती दर से उपलब्ध कराया जाएगा. इस योजना को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार इस योजना पर प्रति वर्ष 100 करोड़ रूपये खर्च करेगी. योजना के संचालन में स्थानीय एनजीओ की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी एवं सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से प्रभावी मॉनिटरिंग होगी.
’कोई भूखा ना सोए’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत की घोषणा की है। इस योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को दो समय का शुद्ध पौष्टिक भोजन रियायती दर से उपलब्ध कराया जाएगा। #Rajasthan pic.twitter.com/tnyUWD0vNU
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 22, 2020
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को अपने निवास से वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से राज्य स्तरीय कोविड-19 जागरूकता अभियान की वर्चुअल लॉन्चिंग को भी संबोधित किया. इस अवसर पर सीएम गहलोत ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा तैयार पांच तरह के जागरूकता पोस्टर, ऑडियो जिंगल व जागरूकता वीडियोज की लॉन्चिंग की. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने इस दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा यूएनएफपीए द्वारा जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से तैयार की गई पांच मोबाइल वैन को भी हरी झंडी दिखाई.
इस अवसर पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा तैयार पांच तरह के जागरूकता पोस्टर, ऑडियो जिंगल तथा जागरूकता वीडियोज की लॉन्चिंग की। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा यूएनएफपीए द्वारा जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से तैयार की गई पांच मोबाइल वैन को भी हरी झंडी दिखाई। pic.twitter.com/syMKJmik8U
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11500 लोकेशन से आमजन ने सुना सीएम का संदेश
प्रदेशभर की करीब 11 हजार 500 लोकेशन्स से प्रदेशवासियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री का संदेश सुना. इस दौरान जिला प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक, प्रभारी सचिव, जिला कलेक्टर एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी जिलों से वर्चुअल लॉन्चिंग कार्यक्रम में शामिल हुए. इसके साथ ही प्रदेश स्तर पर गठित कोर ग्रुप एवं क्वारेंटीन समितियों के सदस्य, पुलिस एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ऊर्जा, जलदाय, कृषि एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, उपखण्ड अधिकारी, बीडीओ, सरपंच, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम स्तरीय कोर कमेटी के सदस्य, मीडिया के प्रतिनिधि भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े.
जागरूकता अभियान की लॉन्चिंग के दौरान सीएम गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, इसलिए सभी को आत्म अनुशासन और संयम बरतते हुए आपस में दो गज की दूरी, मास्क पहनने, नियमित अंतराल पर हाथ धोने और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकने के मूल मंत्र का लगातार पालन करना होगा.
कोरोना से डरने की नहीं सावधानी बरतने की जरूरत
सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है लेकिन सावधानी रखना आवश्यक है. किसी तरह की लापरवाही समस्या को और नहीं बढाए इसी उद्देश्य से प्रदेश भर में दस दिवसीय यह जागरूकता अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत आमजन को कोरोना से बचाव के बारे में जानकारी दी जाएगी. गांव-ढाणी तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा कि खुद के स्वास्थ्य का खुद ख्याल रखना ही कोरोना से बचने का मुख्य उपाय है. हमारा लक्ष्य है कि रिकवरी रेट बढ़ती रहे, मृत्यु दर घटती रहे.
सभी को साथ लेकर लड़ रहे हैं कोरोना से जंग
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने धर्मगुरूओं, चिकित्सकों, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, सिविल सोसायटी, उद्यमियों सहित सभी वर्गों को विश्वास में लेकर कोरोना को नियंत्रित रखने में सफलता हासिल की है. तीन महीनेे पहले प्रदेश में कोरोना टेस्ट की सुविधा नहीं थी लेकिन आज हमने प्रतिदिन 25 हजार टेस्ट करने की क्षमता विकसित कर ली है. संकट की इस घड़ी में पड़ोसी राज्यों को भी हमने अपने यहां जांच कराने की पेशकश की है. हमारी सरकार ने आपदा की इस घड़ी को प्रदेेश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के अवसर के रूप में लिया है.
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि देश में जहां प्रति दस लाख की आबादी पर 4887 टेस्टिंग हो रही है, वहीं राजस्थान में यह 8389 है. राष्ट्रीय औसत 3.28 प्रतिशत की तुलना में हमारे यहां कोरोना से मृत्यु दर केवल 2.32 प्रतिशत ही है. देश में जहां कोरोना से रिकवरी रेट 54 प्रतिशत है वहीं राजस्थान में यह 78 प्रतिशत है, जो यह दर्शाता है कि इस महामारी से निपटने के लिए राजस्थान के चिकित्सकों, नर्सिंग समुदाय सहित तमाम कोरोना वॉरियर्स ने किस समर्पण भाव एवं जज्बे से काम किया है.
अपने फैसलों से हर वर्ग का रखा ख्याल
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमारी कारगर तैयारी और समय पर उठाए गए कदमों के कारण भीलवाड़ा मॉडल की देश ही नहीं दुनिया में चर्चा हुई है. घर-घर सर्वे और रूथलेस कंटेनमेंट के कारण हमने कोरोना संक्रमण को शुरूआत में ही काबू में कर लिया. यही मॉडल पूरे प्रदेश में अपना कर संक्रमण को नियंत्रण में रखा. लॉकडाउन के दौरान 78 लाख से अधिक पेंशनर्स को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 2800 करोड़ रूपये पेंशन राशि का वितरण, 31 लाख बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अंत्योदय निर्माण श्रमिकों एवं असहाय लोगों को ढ़ाई-ढ़ाई हजार रूपये की नकद सहायता, 39 लाख परिवारों को सूखे राशन किट वितरण, 4 करोड़ से अधिक पके हुए खाने के पैकेट वितरित करने जैसे कार्यों के माध्यम से प्रदेश के हर वर्ग का ख्याल रखा गया.
हर नागरिक बने जिम्मेदार
सीएम गहलोत ने कहा कि जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को इस बीमारी के प्रति जागरूक कर जिम्मेदार बनाना है. हमारी छोटी सी भूल इस समस्या को बढ़ा सकती है. राज्य सरकार इस बीमारी के लिए संसाधनों की किसी भी तरह की कोई कमी नहीं आने देगी. सीएम गहलोत ने इस दौरान सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों सहित आमजन से अभियान को जन-अभियान बनाने की अपील की.