आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के अमरावती स्थित घर से सटी इमारत ‘प्रजा वेदिका’ को आज ढहा दिया गया है. इसे गिराने के आदेश राज्य के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कुछ दिन पहले दिए थे. उन्होंने कहा था कि यह इमारत गैर-कानूनी है इसलिए इसे तोड़ा जाएगा.
हालांकि सरकार के फैसले के खिलाफ चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने इस कारवाई को रोकने के लिए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी. लेकिन अदालत ने टीडीपी की याचिका को खारिज कर दिया. इसके बाद इस इमारत को ढहाया गया. यह इमारत नायडू सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब आठ करोड़ रुपये की लागत से बनी थी. नायडू के बंगले से सटे इस कॉन्फ्रेंस हॉल में सरकार से जुड़ी बड़ी बैठके की जाती थी.
हालांकि टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने राज्य सरकार से अपील की थी कि इस इमारत को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के सरकारी आवास के तौर पर घोषित कर दिया जाए ताकि वो इसका इस्तेमाल कर सके.
इमारत तोड़ने के बाद चंद्रबाबु नायडू ने कहा कि सरकार का यह फैसला मुर्खतापूर्ण है. हमने सरकार से आग्रह किया था कि इसे छोड़ दें. इसका इस्तेमाल विपक्ष के नेता के तौर पर हम कर सकेंगे. अगर वे हमें नहीं देना चाहते थे तो खुद इसका इस्तेमाल कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.