‘गांधी की हत्या के जिम्मेदार वीर सावरकर को भारत रत्न? अब इस देश को भगवान ही बचाए’

Veer Savarkar को भारत रत्न देने की सिफारिश पर भाजपा-कांग्रेस आमने सामने, कांग्रेस ने सावरकर को माना महात्मा गांधी की हत्या का जिम्मेदार, वहीं भाजपा ने वीर सावरकर को बताया स्वतंत्रता सैनानी

भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की मोदी सरकार वीर सावरकर (Veer Savarkar) को ‘भारत रत्न वीर सावरकर’ बनाने की पूरजोर कोशिशों में लगी है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में प्रदेश बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में सावरकर को भारत रत्न दिलाने को शामिल किया है. हालांकि कांग्रेस इस बात का विरोध कर रही है. कांग्रेस और बीजेपी की ओर से नेताओं में आपसी जुबानी तीर लगातार छोड़े जा रहे हैं. इसी बयानबाजी दंगल के बीच कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी का एक तीखा बयान सामने आया है. तिवारी ने कहा कि गांधी के हत्यारे को भारत रत्न देने का प्रयास हो रहा है. अब तो इस देश को भगवान ही बचा सकता है.

मनीष तिवारी ने कहा कि सावरकर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या का जिम्मेदार माना गया है. इसके चलते सावरकर को आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ा लेकिन अदालत ने सबूतों के अभावों में सावरकर को बेगुनाह माना. तिवारी ने यह भी दावा किया कि कपूर आयोग ने भी इस मामले की जांच की थी. हाल में कपूर आयोग ने एक लेख में सावरकर को गांधी की हत्या का जिम्मेदार माना है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे हालातों में सावरकर को भारत रत्न… इस देश को भगवान ही बचाए. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार भारत रत्न सावरकर को नहीं, बल्कि गोडसे को दे.

इस बात पर पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने वाराणसी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर सावरकर नहीं होते तो हम 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को अंग्रेजों के नजरिए से देख रहे होते. वीर सावरकर (Veer Savarkar) ही वह व्यक्ति थे जिन्होंने 1857 की क्रांति को पहले स्वतंत्रता संग्राम का नाम दिया था.

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वहीं कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने तिवारी का समर्थन करते हुए कहा कि भारत रत्न दिए जाने में अगला नंबर गोडसे का ही है. सावरकर के बारे में सब जानते हैं. सबूतों के अभाव में वे गांधीजी की हत्या के मामले में रिहा हो गए. आज यह सरकार उन्हें भारत रत्न देने की मांग कर रही है.

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि सावरकर के जीवन के दो पहलू थे. पहला- आजादी के आंदोलन में शामिल होना और दूसरा- माफी मांगकर (कालापानी से) वापस आने पर उनका नाम महात्मा गांधी की हत्या के साजिशकर्ताओं में दर्ज होना.

इस मुद्दे पर गुरुवार को देश के पूर्व प्रधानमंत्री और राजस्थान से राज्यसभा सांसद डॉ.मनमोहन सिंह ने सावरकर के बारे में कहा कि हम सावरकर की हिंदुत्व की उस विचारधारा का समर्थन नहीं करते हैं जिसके पक्षधर वीर सावरकर थे. सावरकर को भारत रत्न देने के मुद्दे पर डॉ.सिंह ने बताया कि कांग्रेस की सरकार पहले ही वीर सावरकर के नाम से पोस्टल स्टाम्प जारी कर चुकी है.

सोशल मीडिया पर शिवसेना प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने एक ट्वीट पोस्ट कर पूर्व प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी का एक लेटर पोस्ट कर इस बात की पुष्टि की. ये लेटर प्रधानमंत्री कार्यालय से 20 मई, 1980 को जारी हुआ था जिसमें वीर सावरकर की जमकर तारीफ की गई है.

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