राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़ने के बाद बनी उहापोह की स्थिति खत्म होने के आसार नजर आ रहे हैं. सूत्रों के अनुसार अशोक गहलोत को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है. यह भी जानकारी सामने आ रही है कि वे इस नई जिम्मेदारी को राजस्थान के मुख्यमंत्री रहते हुए निभाएंगे. कांग्रेस कार्यसमिति के एक नेता की ओर से दिए गए इस प्रस्ताव पर राहुल गांधी के अलावा सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने मुहर लगा दी है. वहीं, अशोक गहलोत ने भी इसके लिए हामी भर दी है. सूत्रों के मुताबिक यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले दो-तीन दिनों में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस फॉर्मूले पर मुहर लग सकती है.

यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस अध्यक्ष पद पर पार्टी का यह नया प्रयोग होगा. आपको बता दें कि कई क्षेत्रीय दलों के बीच यह ‘मॉडल’ खासा लोकप्रिय रहा है. वर्तमान में ममता बनर्जी, नवीन पटनायक और अरविंद केजरीवाल इसके उदाहरण हैं. तीनों नेता मुख्यमंत्री होने के साथ पार्टी के अध्यक्ष भी है. इनसे पहले चंद्रबाबू नायडू, अखिलेश यादव और मायावती मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं. कांग्रेस को यह फॉर्मूला मजबूरी में अपनाना पड़ रहा है, क्योंकि अशोक गहलोत किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.

आलाकमान अशोक गहलोत को उन्हें इसके लिए तैयार भी कर सकता था, लेकिन उनके मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद राजस्थान में अस्थिरता की स्थिति पैदा होने की आशंका थी. गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस के 100 विधायक हैं, जिनमें से करीब 70 विधायक गहलोत खेमे के हैं. इनके अलावा सरकार के समर्थन दे रहे ज्यादातर निर्दलीय और बसपा विधायक भी गहलोत के धड़े के माने जाते हैं. ऐसे में गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने से विद्रोह जैसी खड़ी हो सकती थी. इससे बचने के लिए नया फॉर्मूला तलाशा गया है.

यदि अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री रहते हुए कांग्रेस की कमान संभालने का मौका मिलता है तो यह कयास निराधार साबित हो जाएगा कि लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा उनसे नाराज हैं. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से यह खबर निकली थी कि राहुल गांधी ने अशोक गहलोत पर चुनाव में पार्टी की बजाय बेटे की जीत के लिए काम करने आरोप लगाया. मीडिया में यह भी खबर आई कि कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने गहलोत पर बेटे को टिकट देने के लिए दबाव बनाने की बात कही. साथ ही मीडिया में यह बात भी सामने आई कि बैठक में प्रियंका ने गहलोत और कमलनाथ की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि कांग्रेस के हत्यारे इसी कमरे में बैठे हैं.

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