Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को प्रदेश में एक बार फिर कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश सहित कई बड़े आरोप लगाते हुए बीजेपी और उसके नेताओं पर जमकर निशाना साधा. सीएम गहलोत के बयान के बाद प्रदेश की सियासत एकदम से गरमा गई और प्रदेश भाजपा के नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर चौतरफ़ा हल्ला बोलते हुए पलटवार किया.
5 साल पूरे नहीं कर पाएगी और अपने ही बोझ से गिर जाएगी गहलोत सरकार
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कांग्रेस खुद ही खेमों में बंटी हुई है. अगर सरकार के मुखिया और कांग्रेस के नेता अपनी पार्टी में ही झांक ले तो उन्हें आपसी कलह का पता चल जाएगा. कटारिया ने कहा कि बीजेपी के पास अपने विधायक हैं और उन विधायकों के दम पर वह सरकार नहीं बना सकती. कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री दिल्ली में अपने राजनीतिक आकाओं को भ्रम में रखने और अपना काम निकालने के लिए इस तरह की बात कर रहे हैं. हालांकि गुलाबचंद कटारिया ने इतना जरूर कहा कि यह सरकार 5 साल पूरे नहीं कर पाएगी और अपने ही बोझ से गिर जाएगी.
मुख्यमंत्री गहलोत अपना मनोबल और नैतिक साहस खो चुके हैं
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान से साफ जाहिर हो गया कि यह सरकार दो साल से शासन चलाने में विफल है और एक मानसिक विचलन गहलोत जी के बयानों में दिख रहा है. पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत अपना मनोबल और नैतिक साहस खो चुके हैं, जिस कारण से मुख्यमंत्री ने बिना किसी सबूत के केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम लिया, जो राजनीति की मर्यादा से भी बाहर है और दुर्भाग्यपूर्ण भी है. पूनियां ने आगे कहा कि गहलोत बार-बार अपनी सत्ता हिलने के डर से “भेड़िया आया-भेड़िया आया” जैसी कहावत को अपनाकर भारतीय जनता पार्टी पर तोहमत लगा रहे हैं. अब जनता प्रदेश की कांग्रेस पार्टी के अंतर्कलह को समझ चुकी है एवं इस सरकार के इस कुशासन से तंग आ चुकी है.
कांग्रेस नेताओं ने 50 साल तक पार्टी कार्यालयों के बजाए अपने घरों का निर्माण किया
सीएम गहलोत द्वारा देश में बन रहे बीजेपी कार्यालयों में नोटबंदी का पैसा लगे होने के आरोपों पर पलटवार कर्तव्य हुए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पूनियां ने कहा कि नोटबंदी से कांग्रेस पार्टी पर चोट पड़ी है. वह सदमा गहलोत शायद भूले नहीं है क्योंकि कांग्रेस पार्टी का काला धन इस नोट बंदी की आंधी में गायब हो गया और कांग्रेस पार्टी की आर्थिक कमर टूट गई. पूनियां ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं की पार्टी है और उसने अपने बूते पर कार्यालय निर्माण का जिम्मा लिया है. पूनियां ने कहा कि 50 साल तक कांग्रेस पार्टी ने कार्यालयों के निर्माण की बजाए उनके नेताओं ने अपने घरों का निर्माण किया और आज वह बीजेपी से जवाब मांगते हैं.
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गहलोत सरकार का 2 साल का शासन राजनीतिक इतिहास का काला अध्याय
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने राज्य सरकार पर फेल होने के आरोप लगाते हुए कहा कि अशोक गहलोत शासन चलाने में विफल हो चुके हैं और उनका दो साल का शासन राजस्थान के राजनीतिक इतिहास का काला अध्याय है. पूनियां ने कहा कि भ्रष्टाचार, अराजकता, अकर्मण्यता, ध्वस्त कानून-व्यवस्था, किसानों से कर्जा माफी की वादाखिलाफी, बेरोजगारों से वादाखिलाफी ही सरकार के कामकाज की बानगी है और यही सरकार की परेशानी का कारण है.
अंर्तद्वंद्व से जूझती कांग्रेस में विद्रोह कभी भी हो सकता है जगजाहिर
वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान की निंदा करते हुए कहा कि अंर्तद्वंद्व से जूझती कांग्रेस में विद्रोह कभी भी जगजाहिर हो सकता है, इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ऐसी बयानबाजी करके अपने विद्रोह को दबाने और जनता का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा पर मनगढ़त आरोप लगाने की निकृष्ट राजनीति में लगे हुए हैं. राठौड़ ने कहा कि अपराध बोध से ग्रसित कांग्रेस सरकार के मुखिया खुद और कांग्रेस की गुटबाजी को नजरअंदाज कर भाजपा पर दोषारोपण करके कुंठा व्यक्त कर रहे हैं. किसी सरकार का 5 वर्ष तक शासन चलाना मुखिया का दायित्व होता है लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हर क्षेत्र में अपनी विफलता पर आत्मपरीक्षण करने की बजाय अपराध बोध से ग्रसित होकर दूसरों को दोषी ठहराने में लगे हुए हैं.
अपनी सरकार को बचाने के लिए भाजपा को आरोपित करना हास्यापद
राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार के 2 वर्ष का कालखंड पूरा होने वाला है लेकिन बार-बार मुख्यमंत्री का आपसी कलह से गिरती हुई अपनी सरकार को बचाने के लिए भाजपा को आरोपित करना हास्यापद है. जिस सरकार की बुनियाद ही अंतर्कलह और गुटबाजी पर टिकी हुई हो उस सरकार का 5 वर्ष का शासन पूरा करना स्वाभाविक रूप से असंभव हो जाता है. राठौड़ ने कहा कि भाजपा द्वारा सरकार को गिराने के गहलोत के आरोपों में अगर जरा भी सच्चाई होती तो वह बयानबाजी करने के सिवाय कोई पुख्ता प्रमाण देने में क्यों घबरा रहे हैं.