Politalks.News/Bihar. केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में पटना के गांधी मैदान में शनिवार को बिना अनुमति सभा करने के मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा सहित 18 नामजद और 500 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. मजिस्ट्रेट श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजीव दत्त वर्मा ने गांधी मैदान थाने में एफआईआर कराई है. दत्त ने बताया कि सभा के लिए अनुमति नहीं ली गई थी.
बता दें, नए कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर चल रही किसानों के आंदोलन की आंच अब बिहार भी पहुंच चुकी है. यहां इस मुद्दे को अब महागठबंधन ने लपक लिया है. शनिवार को आरजेडी ने पंजाब-हरियाणा के आंदोलनरत किसानों के पक्ष में बिहार में मोर्चा खोल दिया है. आज आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गांधी मैदान में किसान आंदोलन के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया.
तेजस्वी व झा समेत आरजेडी व कांग्रेस के 18 नेताओं पर एफआईआर
बिना अनुमति गांधी मैदान में घुसकर भीड़ को संबोधित करने और कोविड नियम तोड़ने के आरोप में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता मदन मोहन झा समेत 18 प्रमुख नेताओं के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई गई है. मजिस्ट्रेट सह श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजीव दत्त वर्मा ने FIR दर्ज कराई है. इसमें तेजस्वी यादव, विधायक आलोक मेहता, रामानंद यादव, पूर्व मंत्री श्याम रजक, रमई राम, पूर्व विधायक शक्ति सिंह, मृत्युंजय तिवारी, अनिल कुमार, रामबली यादव, सुबोध कुमार यादव, उर्मिला ठाकुर, अनिता देवी, कांग्रेस नेता मदन मोहन झा, अनिल शर्मा, केडी यादव, चंदेश्वर सिंह, रामनरेश पांडेय सहित 500 कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया गया है. आईपीसी की धारा 188, 145, 269, 279 और 3 एपेडेमिक डिजीज एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
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विधिवत रूप से मांगी गई थी अनुमति- राजद
वहीं राजद ने राज्य सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि बिहार सरकार गोडसे को पूजने वालों के संरक्षण में कॉरपोरेट जगत के इशारे पर काम कर रही है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि किसान आन्दोलन के समर्थन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठवंधन को गांधी मैदान मे धरना देने और गांधीजी के प्रतिमा के सामने संकल्प लेने की अनुमति न देकर राज्य सरकार ने अपने किसान विरोधी चरित्र को उजागर कर दिया है.
चितरंजन गगन ने दावा किया है कि प्रशासन को शुक्रवार को ही विधिवत रूप से आवेदन देकर गांधी मैदान में गांधीजी की प्रतिमा के सामने धरना देने और संकल्प लेने की अनुमति मांगी गई थी. कार्यकर्ता जब मैदान के अंदर पहुंचे तो उन्हें रोक दिया गया. सभी को मैदान से बाहर कर गेटों पर ताला लगा दिया गया. इसके बाद महागठबंधन के कार्यकर्ता गांधी मैदान के गेट नंबर चार के सामने धरने पर बैठ गए.
तेजस्वी ने की किसान आंदोलन को मजबूत करने की अपील
पटना के गांधी मैदान में तेजस्वी यादव ने कहा है कि ‘मैं बिहार के किसान और संगठनों से अपील करता हूं कि इस काले कानून के खिलाफ सड़कों पर आएं और इस आंदोलन को मजबूत करें. पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसानों में आक्रोश है. यह वही सरकार है जो किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करनी की बात करती है. लेकिन एमएसपी को खत्म कर दिया है. कृषि को भी प्राइवेट हाथ को सौंप रही है, जिससे प्राइवेट कंपनियों से किसान खरीद बिक्री करेंगे. लेकिन सरकार के सारे फैसले को हमलोगों ने देखा… चाहे नोटबंदी हो गया कुछ हो. देश भर में मौजूदा सरकार से किसान नाराज हैं. ये किसान विरोधी कानून है, किसानों को सही मूल्य मिलना चाहिए. कई जगहों पर कर्ज में डूबने से किसान आत्महत्या कर रहे हैं. जो अन्नदाता हैं, उनके के लिए इस तरह का कानून बनाना देश के खिलाफ है.
तेजस्वी ने बोला केंद्र सरकार पर हमला
तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘किसान शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं, इसके बाद भी उन पर लाठीचार्ज किया जा रहा है. वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया जा रहा है. बिहार में जहां मंडियों का सवाल है, वह 2006 में ही बंद कर दिया गया. हालत यह हो गई है कि बिहार के किसान खेती छोड़ मजदूरी करने लगे हैं. बिहार में बस 2 फसलों पर एमएसपी है. धान का एमएसपी मात्र 1800 रुपये है. कही भी धान की खरीद नहीं हो रही है. लेकिन सीएम झूठ बोलते हैं कि खरीद हो रही है. कितने मूल्य पर किसान से फसल खरीदी जा रही है उसे सार्वजानिक करें.’
आपको बता दें कि नेता प्रतिपक्ष और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को ही घोषणा कर दी थी कि 5 दिसंबर को किसानों के समर्थन में धरने पर बैठेंगे. RJD की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में लिखा गया था कि ‘जन विरोधी कृषि कानून के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में 5 दिसम्बर 2020 को 10 बजे दिन में पटना के गांधी मैदान में गांधी जी की प्रतिमा के सामने धरना दिया जाएगा.’