Thursday, January 16, 2025
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हाड़ौती में भारी बारिश के बाद अब सियासत तेज, राजावत बोले- ‘मुख्यमंत्री को हाड़ौती में नहीं करने देंगे प्रवेश’: हाड़ौती में भारी बारिश के बाद अब सियासत हुई तेज, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने बारिश से फसल खराबे को लेकर किसानों के साथ किया प्रदर्शन, कोटा में किसानों के साथ पैदल मार्च करते हुए सर्किट हाउस से पहुंचे कलेक्ट्रेट, राजावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे उन्हें हाड़ौती में नहीं करने देंगे प्रवेश, पूर्व विधायक राजावात का बयान- ‘मुख्यमंत्री ने कोटा संभाग की अतिवृष्टि में कोविड-19 प्रोटोकॉल का बहाना बनाकर नहीं किया दौरा, यह जनता के घाव पर नमक छिड़कने जैसा’, वसुंधरा समर्थक पूर्व विधायक राजावत ने कहा- ‘भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने समझा हाड़ौती की जनता का दर्द, लोगों से मुलाकात कर ली नुकसान की जानकारी, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री को नहीं है हाड़ौती की जनता की चिंता’, राजावत ने उग्र प्रदर्शन की दी चेतावनी, पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत के प्रदर्शन में कोटा के अधिकांश भाजपा के पदाधिकारी नहीं हुए शामिल

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हेमाराम चौधरी के बहाने राठौड़ का जोरदार तंज, ‘जबरन सभापति बनाकर संभावित विद्रोह को दबाने का सरकार कर रही प्रयास’: उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने विधानसभा सचिव को लिखा पत्र, वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी इस्तीफे पर विधानसभा सत्र से पहले निर्णय लेने की रखी मांग, राठौड़ का बयान- ‘वरिष्ठता के आधार पर सम्मान नहीं मिलने और विकास कार्यों में हो रहे भेदभाव से आहत होकर चौधरी ने 18 मई को स्पीकर को भेजा था अपना त्याग पत्र, हेमाराम अपने इस्तीफे पर हैं अडिग, जब तक उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं हो जाती तब तक अपना इस्तीफा नहीं लेंगे वापस, इसके बाद भी हेमाराम को बना दिया गया राजकीय उपक्रम समिति का अध्यक्ष, हेमाराम चौधरी अब समिति की बैठक नहीं बुलाने पर हैं अड़े’, राठौड़ ने आगे कहा- ‘विधानसभा का सातवां सत्र 9 सितंबर से हो रहा है शुरू, लेकिन चौधरी के त्याग पत्र के संबंध में 90 दिन बाद भी नहीं लिया गया है निर्णय, जिससे असमंजस की बनी हुई है स्थिति, बैठक नहीं होने से समिति का काम हो रहा है प्रभावित’, राजेन्द्र राठौड़ ने आरोप लगाते हुए कहा- ‘विधानसभा समितियों के गठन के बाद राजकीय उपक्रम समिति को छोड़ शेष सभी समितियों की बुलाई जा चुकी हैं बैठकें, हेमाराम जी कह रहे हैं कि उनका राजकीय उपक्रम समिति से नहीं है कोई लेना-देना, इससे साबित होता है कि हेमाराम को जबरन सभापति बनाने का प्रस्ताव सरकारी मुख्य सचेतक द्वारा संभावित विद्रोह को दबाने का है प्रयास’, राठौड़ ने हेमाराम के बहाने कांग्रेस की कलह पर किया है प्रहार
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