‘मौन व्रत’ को राठौड़ ने बताया ढोंग, बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए मांगा CM गहलोत का इस्तीफा

लखीमपुर कांड को लेकर कांग्रेस हमलावर तो इधर राठौड़ ने संभाला भाजपा की ओर से मोर्चा, कांग्रेस के प्रदर्शन को बताया नौटंकी, बोले- गहलोत सरकार करे प्रदेश की कानून व्यवस्था की चिंता, पड़ोसी राज्य की चिंता छोड़े', REET और कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को लिया आड़े हाथ

कांग्रेस का मौन व्रत एक ढोंग- राठौड़
कांग्रेस का मौन व्रत एक ढोंग- राठौड़

Politalks.News/Rajasthan. लखीमपुर कांड को लेकर कांग्रेस मोदी और योगी सरकार पर हमलावर है. योजनाबद्ध तरीके से कांग्रेस एक के बाद एक विरोध प्रदर्शन का दौर जारी रखी मामले को गर्माए हुए हैं. कांग्रेस की ओर से आज देशभर में ‘मौन व्रत’ प्रदर्शन किया गया. जयपुर में भी पीसीसी की ओर से सिविल लाइंस में मौन व्रत प्रदर्शन किया गया. कांग्रेस के इस प्रदर्शन को उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ पर निशाने पर लेते हुए इसे ढोंग बताया है. राठौड़ ने कहा कि, ‘गहलोत सरकार प्रदेश की चिंता करे, पड़ोसी राज्य की चिंता छोड़े’. REET और कानून व्यवस्था को लेकर गहलोत सरकार को आड़े हाथ लेते हुए राठौड़ ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री और गृह विभाग के मुखिया अशोक गहलोत को प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था और लगातार बढ़ रहे अपराधों की जिम्मेदारी लेकर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए’.

पैदल मार्च था नौटंकी, तो मौन व्रत है ढोंग- राठौड़
राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस के लखीमपुर कांड को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन पर बयान जारी किया है. राठौड़ ने कहा कि, ‘लखीमपुर खीरी में हुई घटना के विरोध में राजस्थान में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के द्वारा पहले 5 अक्टूबर को जयपुर में कलेक्ट्रेट से पीसीसी तक पैदल मार्च और 7 अक्टूबर को भरतपुर में यूपी बॉर्डर के पास नौटंकीपूर्ण प्रदर्शन किया गया’. राठौड़ ने आज जयपुर में पीसीसी की ओर से किए गए मौन व्रत प्रदर्शन को लेकर कहा कि, ‘जयपुर में कांग्रेस पार्टी द्वारा नाटकीय घटनाक्रम के तहत मौन व्रत का ढोंग अपने ही नौकरशाहों के सम्मुख किया गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है’.

‘मौन व्रत एक नाटक, बहा रहे घड़ियाली आंसू’
राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार को घेरा और कहा कि, ‘सत्ताधारी कांग्रेस सरकार द्वारा जयपुर में मौन व्रत का जो नाटक किया गया वो घडियाली आंसू बहाने के जैसा है. केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा मांगने की बजाय राजस्थान के मुख्यमंत्री और गृह विभाग के मुखिया अशोक गहलोत को प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था और लगातार बढ़ रहे अपराधों की जिम्मेदारी लेकर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए’.

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‘अपना घर संभालें, पड़ोसियों की चिंता छोड़े’
प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राजेन्द्र राठौड़ ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि, ‘अपराधों की दृष्टि से देशभर में अव्वल राजस्थान में कांग्रेस सरकार पहले प्रदेश की कानून व्यवस्था को तो ठीक से संभाल लें फिर जाकर पड़ोसी राज्य के हालातों पर चिंता व्यक्त करें. बीकानेर में कांग्रेस नेता को सरेराह बेरहमी से पीटा गया और हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा में दलित युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई जो राज्य की लचर कानून व्यवस्था को प्रदर्शित करती है’.

‘पेपर माफिया का राजनीतिक आकाओं से गठजोड़’
REET परीक्षा में धांधली का जिक्र करते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था का फायदा अब पेपर माफिया भी उठा रहे हैं हाल ही में आयोजित REET भर्ती परीक्षा में हुई धांधली और पेपर लीक प्रकरण के मास्टरमाइंड बत्तीलाल मीणा के तार किन-किन लोगों से जुड़ें हैं इसका खुलासा सरकार को जल्द से जल्द करना चाहिए’. गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए राठौड़ ने कहा कि, ‘रीट भर्ती परीक्षा में सरकारी स्तर पर बदइंतजामी और पेपर माफियाओं के राजनीतिक आकाओं के साथ गठजोड़ का ही परिणाम रहा कि सत्ता में बैठे लोगों द्वारा अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए लाखों अभ्यर्थियों के अरमानों के साथ खिलवाड़ किया गया और परीक्षा की पवित्रता को नष्ट करने का काम किया गया. सरकार को स्पष्ट करना चाहिए अगर रीट का पेपर आउट ही नहीं हुआ तो करीब 2 दर्जन सरकारी अधिकारियों/कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई क्यों की गई?’

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‘कांग्रेस को अशोक गहलोत से मांगना चाहिए इस्तीफा’
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘राजस्थान में लचर कानून व्यवस्था के कारण चारों तरफ दहशतगर्दी का माहौल व्याप्त है और राज्य में महिला, दलित, युवा, पुजारी, व्यापारी एक भी वर्ग सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है’. कांग्रेस पर तंज कसते हुए राठौड़ ने कहा कि, ‘एक ओर कांग्रेस पार्टी कांग्रेस शासित प्रदेशों में बढ़ते अपराधों को नजरअंदाज कर रही है वहीं दूसरी ओर अन्य राज्यों के मुद्दों पर राजनीतिक ढोंग करने में लगी है. राज्य की मृत प्राय: हो चुकी कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी के चलते कांग्रेस को पहले राजस्थान के गृह विभाग के मुखिया अशोक गहलोत जी से इस्तीफा मांगना चाहिए’.

‘दुष्कर्म के मामले में प्रदेश पहले पायदान पर’
नेशलन क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का हवाला देते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान वर्ष 2019 के बाद 2020 में फिर से देश में पहले पायदान पर है. राजस्थान में प्रतिदिन करीब 15 मामले रेप के सामने आना यह दर्शाता है कि राज्य में बहन-बेटियां बिल्कुल भी महफूज  नहीं है. वहीं दलित अत्याचारों में राजस्थान का देश में तीसरे स्थान पर होने से स्पष्ट है कि प्रदेश में दलित वर्ग पर अत्याचार की घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है’.

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‘विरोध प्रदर्शन अस्तित्व बचाने की असफल कोशिश’
उत्तरप्रदेश की योगी सरकार का बचाव करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस पर निशाना साधा. राठौड़ ने कहा कि, ‘लखीमपुर खीरी की घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं और योगी सरकार उसकी तह तक जा रही है, कानून के तहत दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई कर रही है इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी लखीमपुर खीरी में हुई घटना को अवसरवाद की राजनीति में बदलकर नित नए विरोध-प्रदर्शन कर अपना अस्तित्व दिखाने की असफल कोशिश कर रही है’

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