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अब आतंकी गतिविधियों में संलिप्त संदिग्ध व्यक्तियों को आतंकी घोषित कर प्रतिबंधित किया जा सकेगा. दैनिक जागरण में छपी खबर के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) से जुड़े दो संशोधनों को हरी झंडी दे दी है. माना जा रहा है कि इन दोनों संशोधनों से जुड़े विधेयक को इसी सत्र में संसद में पेश किया जाएगा. मौजूदा समय में केवल आतंकी गतिविधियों में शामिल संगठनों को ही प्रतिबंधित करने का प्रावधान है.

अखबार के उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार पहले संशोधन के तहत एनआइए को और मजबूत किया जाएगा और उसे साइबर अपराध और मानव तस्करी से जुड़े मामलों की जांच के अधिकार भी दिये जाएंगे. मुंबई हमलों के बाद 2009 में बने एनआइए को फिलहाल केवल आतंकी हमलों की जांच का अधिकार है. वहीं यूएपीए की अनुसूची चार में संशोधन संदिग्ध व्यक्तियों को आतंकी घोषित कर प्रतिबंधित करने का रास्ता साफ किया जाएगा. अभी तक केवल वही व्यक्ति आतंकी माना जाता था, जो किसी आतंकी संगठन का सदस्य हो. व्यक्तिगत रूप से आतंकी गतिविधियां चलाने वाले व्यक्ति को आतंकी घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं था.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने अखबार को कहा कि केवल संगठनों को आतंकी घोषित कर प्रतिबंधित करने से ऐसे लोगों के बचने की संभावना थी, जो बिना किसी संगठन में शामिल हुए ही व्यक्तिगत स्तर पर किसी आतंकी गतिविधि में लिप्त हों. प्रस्तावित संशोधन में एनआइए को किसी की संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर आतंकी घोषित करने का अधिकार मिल जाएगा. एक बार आतंकी घोषित होने के बाद उस संदिग्ध व्यक्ति से साथ आर्थिक लेन-देने करने वाले लोगों के खिलाफ शिकंजा कसना आसान हो जाएगा. वरिष्ठ अधिकारी ने अखबार को बताया कि कि आइएसआइएस और अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों के प्रेरित होकर आतंकी बनने वालों के खिलाफ शिकंजा कसना आसान होगा.

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