पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा के पुत्र सागर शर्मा द्वारा शुक्रवार को पुष्कर के राजकीय अस्पताल का औचक निरीक्षण करने और उसके बाद डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की भर्ती जल्द ही करवाने सम्बन्धी बयानबाजी पर राजनीति तेज हो गई गई. रघु शर्मा पर निशाना साधते हुए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा, “बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां सुभान अल्लाह, ये कांग्रेस सरकार के राज की एक बानगी भर है. किस तरीके से सरकार पर परिवावाद और चापलूसी का आलम है, इस तरीके के लोकतांत्रिक व्यवस्था में इसको ना तो जनता स्वीकार करती है और ना व्यवस्था स्वीकार करती है.”
दरअसल, बीते शुक्रवार चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा के पुत्र सागर शर्मा अचानक पुष्कर के राजकीय अस्पताल के औचक निरीक्षण करने पहुंच गए. अब मंत्री के पुत्र का दौरा हो तो ऐसे में विभाग के आला अधिकारियों ने भी पालक पांवड़े बिछा दिए. मंत्री पुत्र सागर शर्मा को खुद जिला चिकित्सा अधिकारी केके सोनी ने इस तरह से पूरे प्रोटोकॉल के साथ अस्पताल का निरीक्षण करवाया जैसे मंत्री जी के पीछे चल रहे हों.
यही नहीं, मंत्री पुत्र सागर शर्मा ने अस्पताल पहुंचने पर न सिर्फ पूरे अस्पताल का मंत्री स्टाइल में निरीक्षण किया बल्कि आदेशात्मक भाषा में अधिकारियों को निर्देश देते भी नजर आए. इस दौरान सीएमएचओ केके सोनी, तहसीलदार पंकज बड़गुर्जर, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अभिषेक गहलोत, सीआई राजेश मीणा सहित अनेक अधिकारी मंत्री पुत्र के प्रोटोकॉल में मौजूद रहे. इसके बाद मंत्री पुत्र ने आयुर्वेद अस्पताल में कोरोना से बचाव का काढ़ा भी लोगों में वितरित किया.
अस्पताल के निरीक्षण के बाद मंत्री पुत्र सागर शर्मा ने कहा कि चिकित्सा मंत्री का गृह जिला है इसमें व्यवस्था सुधारने का प्रयास कर रहे हैं, पुष्कर चिकित्सालय की व्यवस्थाएं सुधारी जाएगी डाक्टर और स्टाफ नर्स के पद जल्द भरे जाएंगे. इस घटना का जब पता विपक्ष को चला तो सियासत गर्मा गई.
मंत्री पुत्र द्वारा इस तरह सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करने और अधिकारियों को निर्देश देने पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कटाक्ष करते हुए कहा कि बडे मियां तो बडे मियां छोटे मियां सुभान अल्लाह, ये कांग्रेस सरकार के राज की एक बानगी भर है. किस तरीके से सरकार पर परिवार का और चापलूसी का आलम है इस तरीके के लोकतांत्रिक व्यवस्था में इसको ना तो जनता स्वीकार करती है और ना व्यवस्था स्वीकार करती है. राजनीतिक पुत्र होने के कारण उसको प्रोटोकोल मिलना सीएमएचओ का मौजूद होना सरकार की कार्यशैली पर बडा प्रश्न चिन्ह है. जिस तरीके का आचरण सरकार के मंत्री कर रहें हैं, कई मौकों पर उनके परिवार के लोगों का आचरण सामने आता है ऐसी लोकतांत्रिक व्यवस्था में इसको स्वीकार नहीं किया जा सकता. अपने पिता के प्रोटोकॉल को उपयोग में ले यह आपत्तिजनक है, यह कांग्रेस की सरकार की एक बानगी भर है कि किस तरीके से सरकार चल रही है.
वहीं सीएमएचओ के अस्पताल में निरीक्षण करवाने के सवाल पर सतीश पूनियां ने कहा कि चापलूसी कांग्रेस की परंपरा में रही है और इस सरकार की विफलता का कारण भी है. अधिकारियों को चापलूसी करने से फुरसत नहीं है इसलिए पब्लिक डिलिंग नहीं कर पा रहें है. सीएमएचओ इस तरीके का आचरण करते है तो जिले के बाकी स्वास्थ्य की सेवाओं की कैसे फिक्र करेगा क्योंकि उसको या तो मंत्री को खुश करना है या उनके बेटे को खुश करना है.
वहीं भाजपा के मंडल अध्यक्ष पुष्कर नारायण भाटी ने इसे सत्ता का दुरुपयोग बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक तरफ तो स्वयं पंचायतों में सरपंच पतियों के दखल के खिलाफ बोल रहे हैं, वहीं उनके कैबिनेट मंत्री का बेटा अनाधिकृत तौर पर सरकारी संस्थानों का निरीक्षण कर रहा है उन्हें कोई रोकने टोकने वाला नहीं है. चिकित्सा मंत्री के पुत्र सागर शर्मा के पास कोई पद नहीं है फिर वह किस हैसियत से सरकारी कार्यालय का निरीक्षण कर रहे हैं यह सत्ता का दुरुपयोग है.